UP Elections: बीजेपी के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ेगी निषाद पार्टी, पूर्वांचल की 160 सीटों पर है खासा प्रभाव

यूपी में निषाद पार्टी और बीजेपी एक साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ेंगें. निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद ने यह जानकारी दी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 7, 2021 7:13 PM

UP Assembly Elections 2022: निषाद पार्टी (Nishad Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद (Sanjay Nishad) ने कहा है कि वे उत्तर प्रदेश में 2022 का विधानसभा चुनाव (2022 Assembly election in Uttar Pradesh) बीजेपी (BJP) के साथ मिलकर लड़ेंगे. उन्होंने दावा किया कि चुनाव में जीत उनकी होगी और बीजेपी के साथ मिलकर वे सरकार बनाएंगे. संजय निषाद ने सोमवार की रात केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah), बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) और राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष (BL Santosh) से मुलाकात की थी.

जेपी नड्डा के आवास पर हुई इस मुलाकात में यूपी विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे के साथ ही बीजेपी गठबंधन को जीत दिलाने की रणनीति पर चर्चा हुई. संजय निषाद के मुताबिक, बैठक में उनकी पार्टी की सभी मांगों पर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने सहमति जताई है. खासतौर से मझवार समुदाय के लोगों द्वारा उपनाम के तौर पर मांझी, केवट, मल्लाह, गोंड, राजगोंड आदि लिखने पर भी उन्हें मझवार जाति का प्रमाण पत्र निर्गत करने की व्यवस्था को लागू करने को लेकर निर्णायक चर्चा हुई है.

Also Read: संजय निषाद ने कहा- हम बीजेपी में हैं, आगे भी रहेंगे, क्या आलाकमान मानेगा उनकी यह शर्तें ?
सीटों को लेकर जल्द होगी बैठक

निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि अभी सीटों को लेकर बात नहीं हुई है. जल्द ही बीजेपी हाईकमान के साथ अगली बैठक होगी, जिसमें सीटों के बंटवारे समेत अन्य मुद्दों पर भी अंतिम फैसला लिया जाएगा. कुछ दिन पहले, संजय निषाद ने कहा था कि 2022 में उसी पार्टी की सरकार बनेगी, जो उनकी पार्टी के साथ रहेगी. उन्होंने दावा किया था यूपी (UP) में हमारी पार्टी का 160 सीटों पर प्रभाव है. हमने 70 सीटों पर चुनाव लड़ने को लेकर बीजेपी से बात की है.

Also Read: निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने चली सियासी चाल, कहा- भाजपा मुझे उप मुख्यमंत्री का चेहरा बनाकर लड़े तो फायदा होगा
पूर्वांचल में है निषाद पार्टी का खासा प्रभाव

बता दें, संजय निषाद की पार्टी का पूर्वांचल में खासा प्रभाव है. मौजूद समय में उनके पुत्र प्रवीण निषाद संतकबीरनगर जिले से सांसद हैं. वहीं संजय निषाद के भी योगी मंत्रिमंडल में शामिल होने को लेकर चर्चाएं हो रही हैं. उन्होंने बीते दिनों दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात कर चुके हैं.

बीजेपी से नाराज हो गए थे संजय निषाद

मोदी सरकार के मंतिरमंडल विस्तार में अपने बेटे और संतकबीरनगर से सांसद प्रवीण निषाद को शामिल नहीं करने पर संजय निषाद ने नाराजगी जाहिर की थी. उन्होंने कहा था कि प्रवीण निषाद उनके बेटे जरूर हैं, लेकिन वे बीजेपी के सांसद हैं. उनकी लोकप्रियता को देखते हुए उनको मंत्रिमंडल में जगह जरूर मिलनी चाहिए थी.

बीजेपी को 2022 में चुकानी पड़ेगी कीमत

उन्होंने कहा था कि अगर कुछ सीटों पर प्रभाव रखने वाले अपना दल की अनुप्रिया पटेल को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है तो 160 सीटों पर प्रभाव रखने वाले निषाद समाज के बेटे को भी मौका दिया जाना चाहिए था. इसके अलावा, उन्होंने कहा था कि निषाद समाज पहले से ही बीजेपी से कटा-कटा नजर आ रहा है. उस पर अगर बीजेपी अपनी गलती नहीं सुधारती है तो इसकी कीमत उसे 2022 के विधानसभा चुनाव में चुकानी पड़ सकती है.

Also Read: एनडीए में मुकेश रहें या नहीं, कोई असर नहीं, निषाद की दो टूक पर नरम पड़े सहनी
निषाद पार्टी की 2016 में हुई स्थापना

निषाद पार्टी की स्थापना 2016 में हुई थी. निषाद का अर्थ निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (Nirbal Indian Shoshit Hamara Aam Dal) है. पार्टी का गठन निषाद, केवट, बिंद, मल्लाह, कश्यप, मांझी, गोंड और अन्य समुदायों के सशक्तिकरण के लिए किया गया है, जिनके पारंपरिक व्यवसाय नदियों पर केंद्रित हैं. जैसे- नाविक और मछुआरे. इसके संस्थापक संजय निषाद हैं, जो बहुजन समाज पार्टी के पूर्व सदस्य हैं.

Posted by : Achyut Kumar

Next Article

Exit mobile version