UP Election 2022: SKM के 58 संगठन करेंगे गांवों में BJP के खिलाफ प्रचार, यूपी चुनाव में सजा देने का ऐलान

संगठन की ओर से जारी किए गए प्रतिज्ञा पत्र में दावा किया गया है, 'इस किसान विरोधी सरकार के कान खोलने के लिए इसे चुनाव में सजा देने की जरूरत है. सजा कैसे देंगे, यह मुझे बताने की जरूरत नहीं. आप खुद समझदार हैं.'

By Prabhat Khabar | February 3, 2022 5:22 PM

Lucknow News: संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम/SKM) ने उत्तर प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनाव में दखल करने का फैसला सुनाया है. गुरुवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में एकेएम की ओर से बताया गया कि संगठन के 57 किसान संगठन यूपी गांव-गांव में प्रचार करने के लिए पहुंचेंगे. उन्होंने इसके पीछे का कारण भाजपा को सजा देना बताया है.

संगठन की ओर से जारी किए गए प्रतिज्ञा पत्र में दावा किया गया है, ‘इस किसान विरोधी सरकार के कान खोलने के लिए इसे चुनाव में सजा देने की जरूरत है. सजा कैसे देंगे, यह मुझे बताने की जरूरत नहीं. आप खुद समझदार हैं. भाजपा का जो नेता वोट मांगने आए उससे इन मुद्दों पर सवाल जरूर पूछें. एक किसान का दर्द किसान ही समझ सकता है. मुझे विश्वास है कि आप वोट डालते वक्त मेरी इस चिट्ठी को याद रखेंगे.’

इस प्रतिज्ञा पत्र में योगेंद्र यादव, राकेश टिकैत, शिवकुमार शर्मा, जोगिंदगर सिंह उगराहां, जगजीत सिंह डल्लेवाल, हन्नान मोल्ला और डॉ. दर्शन पाल के हस्ताक्षर हैं. इस पत्र में जिक्र किया गया है. एक साल तक चले किसान आंदोलन का. उस संर्घ में मारे गए 700 से ज्यादा किसानों की मौतों का. वहीं, लखीमपुर खीरी कांड के बारे में उसमें बयां किया गया है, ‘बीजेपी के मंत्री अजय मिश्र टेनी का बेटा निहत्थे आंदोलनकारी किसानों को गाड़ी से रौंद रहा है. इस हत्याकांड में चार किसान और पत्रकार शहीद हुए थे. गुंडागर्दी खत्म करने का दावा करने वाली योगी सरकार ने इस मामले में क्या किया? हत्यारों को पकड़ने के बजाय उन्हें बचाया. सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई तब जाकर मंत्री के बेटे को पकड़ा. कोर्ट की जांच साफ कहती है कि इस हत्या के पीछे साजिश थी. मगर असली साजिशकर्ता मंत्री अब भी छुट्टा घूम रहा है. क्यों? क्योंकि बीजेपी को चुनाव में अजय मिश्र टेनी की जरूरत है. इनके लिए किसानों की हत्या से ज्यादा बड़ा सवाल वोट का है.’

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