फिर जागी पृथक बुंदेलखंड की चाहत, 24वीं बार तारा पाटकर ने पीएम नरेंद्र मोदी को खून से लिखी चिट्ठी

बुंदेली समाज के संयोजक कहे जाने वाले तारा पाटकर ने पत्रकारिता का पेशा छोड़कर बुंदेलखंड के विकास के लिए खुद को समर्पित कर रखा है. उनके नाम पृथक बुंदेलखंड राज्य की मांग को लेकर 635 दिन तक ऐतिहासिक अनशन करने का भी रिकॉर्ड दर्ज है.

By Prabhat Khabar | November 19, 2021 11:09 AM

PM Narendra Modi in Bundelkhand : शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बुंदेलखंड में दौरा है. इस बीच बुंदेलखंड में सामाजिक कार्य करके अपनी एक अमिट छाप बना चुके तारा पाटकर ने खून से पीएम मोदी के नाम एक पत्र लिखकर सोशल मीडिया पर सार्वजनिक किया है. इसमें पृथक बुंदेलखंड की मांग की गई है.

बता दें कि बुंदेली समाज के संयोजक कहे जाने वाले तारा पाटकर ने पत्रकारिता का पेशा छोड़कर बुंदेलखंड के विकास के लिए खुद को समर्पित कर रखा है. उनके नाम पृथक बुंदेलखंड राज्य की मांग को लेकर 635 दिन तक ऐतिहासिक अनशन करने का भी रिकॉर्ड दर्ज है. इससे पहले वे बुंदेलखंड राज्य की मांग को लेकर रिकॉर्ड 23 बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख चुके हैं. शुक्रवार को उनके आगमन से पहले तारा पाटकर ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से खून से लिखा 24वां खत सार्वजनिक किया है. उसमें उन्होंने लिखा है, ‘मोदी सर, अटलजी की ऐसी क्या मजबूरी थी कि उनको एक साथ तीन नए राज्य बनाने पड़े? क्या अटलजी का फैसला गलत था? आपने लद्दाख को JK से अलग कर UT क्यों बनाया?’

गौरतलब है कि झांसी में रानी लक्ष्मीबाई की जयंती मनाई जा रही है. देश के केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इसकी शुरुआत की थी. पीएम मोदी आज इसमें शिरकत करेंगे. समारोह में शामिल होने से पहले वे रानी झांसी का किला भी देखेंगे. इसके अलावा मोदी जो तोहफे देने वाले हैं, उनमें से डिफेंस कॉरीडोर को हटा दें तो ज्यादातर पानी से संबंधित हैं. बता दें कि बुंदेलखंड के सातों जिले दशकों से जलसंकट का सामना कर रहे हैं. शुक्रवार को मिलने वाली सौंगातों की मदद से 500 से ज्यादा गांवों, 10 लाख से ज्यादा किसान लाभान्वित होंगे.

इनमें ललितपुर का भावनी बांध, महोबा की अर्जुन सहायक परियोजना मुख्य हैं. महोबा में वह चार बांधों को जोड़ने वाली अर्जुन सहायक परियोजना के साथ करीब 3263 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण करेंगे. इसके बाद झांसी में डिफेंस कॉरीडोर के पहले प्रोजेक्ट की आधारशिला रखेंगे. यहां टैंक रोधी मिसाइल व हल्के हेलीकाप्टर बनेंगे. यहीं वह मेगा सोलर पार्क समेत सबसे हल्का स्वदेशी हेलीकॉप्टर, वारफेयर सूट समेत तमाम सैन्य आयुध व उपकरण देंगे. इनकी कुल लागत 3414 करोड़ है.

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