profilePicture

Success Story: ‘डकैत का पोता’ कहलाने वाले ने रच दिया इतिहास, पहले IIT और अब UPSC में गाड़ा झंडा

Success Story: ग्वालियर के देव तोमर ने छह प्रयासों में UPSC परीक्षा पास कर AIR 629 हासिल की. कभी चंबल के डाकू के पोते कहे जाने वाले देव ने IIT और फिलिप्स जैसी नौकरी छोड़कर अपने सपने को सच कर दिखाया. उनकी कहानी बेहद प्रेरणादायक है.

By Pushpanjali | May 17, 2025 1:43 PM
an image

Success Story: कुछ कहानियां केवल प्रेरणा नहीं देतीं, बल्कि सोचने पर मजबूर कर देती हैं कि परिस्थितियां चाहे जैसी भी हों, अगर इरादे मजबूत हों तो कोई भी मंजिल दूर नहीं होती. ग्वालियर के देव तोमर की कहानी भी कुछ ऐसी ही है — एक ऐसा सफर, जो चंबल की घाटियों से शुरू होकर UPSC की प्रतिष्ठित सूची तक पहुंचा.

डकैत परिवार में बीता जीवन

देव तोमर का जन्म ग्वालियर के एक ऐसे परिवार में हुआ, जिसकी पृष्ठभूमि संघर्षों से भरी रही है. उनके दादा कभी चंबल क्षेत्र के डकैतों में गिने जाते थे — एक ऐसी पहचान जिसने देव को समाज की आलोचना और तानों का शिकार बना दिया. लोगों ने यहां तक कह दिया कि “डकैत का पोता कुछ नहीं कर पाएगा.” लेकिन देव ने ये साबित कर दिया कि किसी की पहचान उसके अतीत से नहीं, उसके कर्मों से बनती है.

कॉर्पोरेट में सफलता के बाद बड़ा मोड़

देव ने अपनी पढ़ाई में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए IIT में दाखिला लिया और फिर नीदरलैंड्स की मशहूर मल्टीनेशनल कंपनी फिलिप्स के मुख्यालय में वैज्ञानिक के तौर पर काम किया. वहां उनकी सालाना सैलरी लगभग 88 लाख रुपये थी — एक ऐसा करियर जो किसी का भी सपना हो सकता है. लेकिन देव का सपना अलग था. उन्होंने इस चमकदार कॉर्पोरेट जीवन को छोड़कर देश सेवा का रास्ता चुना और UPSC की राह पकड़ी.

UPSC की कठिन यात्रा

देव की UPSC यात्रा आसान नहीं रही. उन्होंने कुल 6 प्रयास किए, जिनमें 4 बार मुख्य परीक्षा और 3 बार इंटरव्यू तक पहुंचे. हर बार उन्हें असफलता हाथ लगी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. उनका आत्मविश्वास बना रहा और मेहनत जारी रही.

सफलता का स्वाद

2025 की UPSC सिविल सेवा परीक्षा में देव ने ऑल इंडिया रैंक 629 हासिल की — जो किसी भी आम इंसान के लिए बड़ी बात है, लेकिन देव के लिए यह एक नई पहचान बनाने का प्रतीक बन गई. यह उनकी मेहनत, धैर्य और आत्मबल का प्रमाण है.

देव तोमर की कहानी हमें सिखाती है कि कोई भी बैकग्राउंड आपकी सफलता को तय नहीं करता. असली पहचान आपके प्रयासों से बनती है. देव ने समाज की सोच को बदला, खुद को बदला और अब वो दूसरों के लिए मिसाल बन गए हैं.

Also Read: Indian Army School: यहां से शुरू होती है अफसर बनने की राह, जानें Admission का आसान तरीका

Also Read: Vaibhav Suryavanshi Result: IPL के सुपरस्टार बिहार के वैभव बोर्ड रिजल्ट में फेल? जानें Viral Post का सच

Next Article

Exit mobile version