रेवा यूनिवर्सिटी में रिसर्च का मंच, कॉन्क्लेव 2025 का भव्य आयोजन
REVA University Conclave 2025: बेंगलुरु की रेवा यूनिवर्सिटी ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि वह सिर्फ पढ़ाई तक सीमित नहीं है, बल्कि रिसर्च और इनोवेशन को भी उतनी ही गंभीरता से आगे बढ़ा रही है. रेवा यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित रेवा रिसर्च कॉन्क्लेव- 2025 दो दिनों तक चला एक ऐसा मंच रहा, जहां शिक्षा, अनुसंधान और उद्योग एक साथ नजर आए. इस आयोजन में देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी शिक्षाविद, शोधकर्ता और इंडस्ट्री एक्सपर्ट शामिल हुए.
REVA University Conclave 2025: बेंगलुरु स्थित रेवा यूनिवर्सिटी ने हाल ही में रेवा रिसर्च कॉन्क्लेव- 2025 का सफल आयोजन कर एक बार फिर शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में अपनी मजबूत पहचान को साबित किया. यह दो दिवसीय शैक्षणिक और अनुसंधान कार्यक्रम विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित किया गया, जिसमें देश और विदेश से आए कई प्रतिष्ठित विद्वानों, शोधकर्ताओं और उद्योग विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया. इस कॉन्क्लेव का उद्देश्य अकादमिक जगत और उद्योग के बीच सहयोग को बढ़ावा देना और शोध को समाज के लिए उपयोगी समाधानों में बदलना रहा.
रेवा रिसर्च कॉन्क्लेव – 2025 (REVA University Conclave 2025) के दौरान विभिन्न विषयों पर गहन चर्चा और विचार विमर्श किया गया. इसमें विज्ञान, इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी, प्रबंधन और अन्य उभरते क्षेत्रों से जुड़े शोध कार्यों को मंच प्रदान किया गया. कार्यक्रम के जरिए युवा शोधकर्ताओं को अपने विचार साझा करने और विशेषज्ञों से मार्गदर्शन पाने का अवसर मिला. इससे न केवल उनके आत्मविश्वास में वृद्धि हुई, बल्कि शोध की गुणवत्ता को भी नया आयाम मिला.
REVA University Conclave 2025: चांसलर ने क्या कहा?
रेवा यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ पी श्यामा राजू ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि रेवा यूनिवर्सिटी एक ऐसे माहौल के निर्माण के लिए काम कर रही है, जहां ज्ञान केवल सैद्धांतिक न रहकर नवाचार में बदले. उन्होंने यह भी बताया कि विश्वविद्यालय की कोशिश है कि रिसर्च के जरिए ऐसी तकनीक और समाधान विकसित किए जाएं, जो वास्तविक जीवन की चुनौतियों को हल कर सकें और देश व दुनिया की प्रगति में योगदान दें.
इस कॉन्क्लेव का उद्घाटन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चित वैज्ञानिक डॉ प्रशांत मेनेजेस ने किया. वह हेल्महोल्ट्ज जेट्रम बर्लिन में मैटेरियल केमिस्ट्री फॉर कैटेलिसिस विभाग के प्रमुख हैं और टेक्नीशे यूनिवर्सिटी बर्लिन में ग्रुप लीडर भी हैं. अपने संबोधन में उन्होंने रिसर्च को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने, इंडस्ट्री के साथ सहयोग बढ़ाने और बहु-विषयक अध्ययन की जरूरत पर जोर दिया.
हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग प्रोग्राम
रेवा रिसर्च कॉन्क्लेव- 2025 की एक खास बात यह रही कि इसमें केवल लेक्चर तक ही सीमित नहीं रहा गया. यूनिवर्सिटी के अलग अलग स्कूलों द्वारा हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग प्रोग्राम और समानांतर कार्यशालाएं भी आयोजित की गईं. इन सत्रों में प्रतिभागियों को प्रैक्टिकल एक्सपीरियंस मिला और नई तकनीकों को समझने का मौका मिला.
