General Knowledge: मानसून का मौसम आते ही हर किसी की नजर मौसम विभाग की रिपोर्ट पर रहती है. कोई पूछता है, “आज कितनी बारिश हुई?”, तो कोई कहता है, “मुंबई में 100 मिमी पानी गिरा, दिल्ली में बस हल्की फुहार पड़ी.” लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये बारिश मापते कैसे हैं? और इसका मिलीमीटर में क्या मतलब होता है?
बारिश मापने का तरीका
भारतीय मौसम विभाग (IMD) बारिश को मिलीमीटर (mm) में मापता है. उदाहरण के तौर पर, अगर कहा जाए कि दिल्ली में 20 मिमी बारिश हुई, तो इसका मतलब है कि समतल जमीन पर रखे एक खुले बर्तन में 20 मिमी यानी 2 सेंटीमीटर पानी भर गया — बशर्ते वह पानी न बहा हो और न जमीन में समा गया हो.
रेनगेज: बारिश नापने वाला यंत्र
बारिश मापने के लिए रेनगेज नामक यंत्र का उपयोग किया जाता है. यह एक बेलनाकार कंटेनर होता है जिसमें बारिश का पानी इकट्ठा होता है. जितना पानी उसमें जमा होता है, उतनी बारिश मानी जाती है. यह आंकड़ा मिलीमीटर में नोट किया जाता है.
IMD का नेटवर्क और रिपोर्ट
भारत में IMD के हजारों रेनगेज स्टेशन हैं, जो हर राज्य और शहर में लगे हैं. इनके जरिए बारिश की हर छोटी-बड़ी गतिविधि रिकॉर्ड होती है. इसके अलावा मौसम विभाग सेटेलाइट, डॉप्लर रडार और कंप्यूटर मॉडल्स की मदद से डेली, वीकली और सीजनल रिपोर्ट तैयार करता है.
इस साल अब तक कहां कितनी बारिश हुई?
- मुंबई: जून में अब तक करीब 1200 मिमी बारिश, जो सामान्य से थोड़ी अधिक है.
- दिल्ली: लगभग 200 मिमी बारिश, सामान्य के आसपास.
- कोलकाता: धीमी शुरुआत के बाद जुलाई तक 500 मिमी से ज्यादा बारिश रिकॉर्ड.
जानकारी कहां मिलेगी?
IMD की वेबसाइट, मोबाइल ऐप और समाचार चैनलों के माध्यम से ये अपडेट आम लोगों तक पहुंचाई जाती हैं.
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