Captain Shubhanshu Shukla Education: NDA पास कर बने पायलट, अब अंतरिक्ष में उड़ान, शुभांशु शुक्ला की पढ़ाई और मिशन की कहानी
Captain Shubhanshu Shukla Education: ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, लखनऊ के रहने वाले हैं और अब अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर जाने वाले हैं. उन्होंने CMS से स्कूली पढ़ाई की और NDA से कंप्यूटर साइंस में BSc किया. बाद में IISc बेंगलुरु से MTech (Aerospace) की डिग्री ली. 2006 में वायुसेना में शामिल हुए और 2,000+ फ्लाइंग ऑवर्स का अनुभव है. अब Axiom-4 मिशन के पायलट के रूप में अंतरिक्ष की ओर रवाना होंगे.

Captain Shubhanshu Shukla Education: भारत के गर्व, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अब अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के 14 दिन के ऐतिहासिक मिशन पर जा रहे हैं. यह Axiom-4 नामक एक कमर्शियल अंतरिक्ष मिशन है, जिसकी कमान अनुभवी अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री पेगी विटसन के हाथों में है. इस मिशन में शुभांशु शुक्ला पायलट की भूमिका निभा रहे हैं, जबकि हंगरी के टिबोर कापू और पोलैंड के स्लावोस उजनस्की मिशन स्पेशलिस्ट के तौर पर शामिल हैं. यह मिशन भारत के उस लक्ष्य की ओर एक बड़ा कदम है, जिसमें 2040 तक किसी भारतीय को चांद पर भेजने की योजना है.
Captain Shubhanshu Shukla Education: लखनऊ से शुरू हुई अंतरिक्ष की उड़ान
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का जन्म 10 अक्टूबर 1985 को लखनऊ, उत्तर प्रदेश में हुआ. उनकी शुरुआती पढ़ाई सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (CMS), अलीगंज कैंपस में हुई. पढ़ाई में तेज शुभांशु ने चुपचाप यूपीएससी की एनडीए परीक्षा दी और सफल भी हुए. इसके बाद उनका चयन नेशनल डिफेंस अकादमी (NDA) में हुआ, जहां से उन्होंने कंप्यूटर साइंस में BSc की डिग्री 2005 में पूरी की.
सिर्फ सैन्य ट्रेनिंग से संतुष्ट न होकर शुभांशु ने आगे की पढ़ाई के लिए देश के शीर्ष संस्थानों में से एक भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बेंगलुरु को चुना. यहां से उन्होंने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में MTech की डिग्री ली, जो आगे चलकर उन्हें अंतरिक्ष के करीब ले गई.
भारतीय वायुसेना से बने फाइटर पायलट
शुभांशु शुक्ला ने 17 जून 2006 को भारतीय वायुसेना में फाइटर पायलट के रूप में अपनी सेवा शुरू की. उनके पास अब तक 2,000 से भी ज्यादा फ्लाइंग ऑवर्स का अनुभव है. उन्होंने Su-30MKI, MiG-21, MiG-29, Jaguar और Hawk जैसे घातक लड़ाकू विमानों को उड़ाया है. वे न सिर्फ एक कुशल पायलट रहे हैं, बल्कि टेस्ट पायलट और फाइटर कॉम्बैट लीडर की जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं.
जब शुरू हुई अंतरिक्ष की असली तैयारी
2019 में शुभांशु को भारत के महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन के लिए चुना गया. इसके बाद उनका अंतरिक्ष का सफर शुरू हुआ. उन्होंने रूस के यूरी गागरिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में अंतरिक्ष यात्रा की कड़ी ट्रेनिंग ली और 2021 में इसे सफलतापूर्वक पूरा किया. इसके बाद बेंगलुरु स्थित इसरो के ट्रेनिंग सेंटर में उन्होंने अपनी क्षमताओं को और निखारा.
शुभांशु अपने तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं और अपने परिवार से सेना में जाने वाले पहले सदस्य हैं. उनके साथी उन्हें प्यार से “गुंजन” कहकर बुलाते हैं.
60 मिलियन डॉलर की सीट
भारत ने इस अंतरिक्ष मिशन में शुभांशु शुक्ला की सीट के लिए करीब 60 मिलियन डॉलर (लगभग 500 करोड़ रुपये) खर्च किए हैं. यह मिशन एक प्राइवेट फंडेड कमर्शियल इनिशिएटिव है, जो न सिर्फ अंतरिक्ष की दौड़ में भारत को आगे ले जाएगा, बल्कि युवा वैज्ञानिकों और विद्यार्थियों के लिए भी प्रेरणा बनेगा.