Sidho Kanho Birsa University Admission 2020: सिद्धो कान्हो बिरसा यूनिवर्सिटी ने निकाला नामांकन के लिए आवेदन, साइकोलॉजी के बीएससी ऑनर्स व एमएससी कोर्स में लें एडमिशन

Sidho Kanho Birsa University Admission 2020: साइकोलॉजी की पढ़ाई करना चाहते हैं, तो पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में स्थित सिद्धो कान्हो बिरसा यूनिवर्सिटी आपको बेहतरीन मौका दे रही है इस विषय में डिग्री कोर्स करने का. आप यहां से साइकोलॉजी में इंटीग्रेटेड बीएससी (ऑनर्स) एवं एमएससी कर सकते हैं. एडमिशन के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि 24 अगस्त, 2020 है.

By दिल्ली ब्यूरो | August 13, 2020 5:45 PM

साइकोलॉजी की पढ़ाई करना चाहते हैं, तो पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में स्थित सिद्धो कान्हो बिरसा यूनिवर्सिटी आपको बेहतरीन मौका दे रही है इस विषय में डिग्री कोर्स करने का. आप यहां से साइकोलॉजी में इंटीग्रेटेड बीएससी (ऑनर्स) एवं एमएससी कर सकते हैं. एडमिशन के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि 24 अगस्त, 2020 है.

प्रवेश के लिए योग्यता


किसी भी मान्यताप्राप्त बोर्ड से वर्ष 2018 से 20 के बीच साइंस/ह्यूमैनटीज में न्यूनतम 60 प्रतिशत (चार विषयों में सबसे अधिक) अंकों के साथ 12वीं पास कर चुके अभ्यर्थी एडमिशन के लिए आवेदन कर सकते हैं.

मेरिट से मिलेगा एडमिशन


कोर्स में प्रवेश शैक्षणिक योग्यता में प्राप्त अंकों के मेरिट के आधार पर दिया जायेगा. सीटों की संख्या 30 है. मेरिट सूची 29 अगस्त को जारी जायेगी.

ऐसे करें आवेदन


यूनिवर्सिटी की वेबसाइट से 24 अगस्त से पहले ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. आवेदन शुल्क के तौर पर 100 रुपये का भुगतान करना होगा. अन्य जानकारी के लिए वेबसाइट देखें- https://skbu.ac.in/index

क्या करते हैं साइकोलॉजिस्ट


मानिसक परेशानियों या अवसाद का सामना कर लोगों से बातचीत कर साइकोलॉजिस्ट उनकी समस्याओं के वास्तविक कारणों की पड़ताल करते हैं और संभावित समाधान के बारे में बताते हैं. अगर आपकी रुचि लोगों के मनोभाव को जानने और उनके अवसाद को दूर करने में है, तो आप साइकोलॉजिस्ट के तौर पर करियर बना सकते हैं.

करियर राहें हैं यहां


साइकोलॉजी में डिग्री हासिल करने के बाद साइकोलॉजिस्ट या काउंसलर या शिक्षक के तौर आगे बढ़ने का विकल्प है. साइकोलॉजिस्ट के रूप में स्वतंत्र रूप से प्रैक्टिस या सरकारी एवं प्राइवेट हॉस्पिटल, कॉलेज या स्कूल में जॉब की जा सकती है. बतौर काउंसलर सामाजिक कल्याण संगठनों, अनुसंधान संस्थानों, पुनर्वास केंद्र, जेलों, बच्चों / युवाओं के मार्गदर्शन केंद्रों, विश्व स्वास्थ्य संगठन आदि में मानसिक रोगियों के मार्गदर्शन का काम कर सकते हैं.

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