‘स्पार्क’ के दूसरे चरण के लिए आईआईटी खड़गपुर को मिला 80 करोड़

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने शैक्षणिक एवं अनुसंधान सहयोग को बढ़ावा देने की योजना (स्पार्क) के दूसरे चरण के लिए आईआईटी खड़गपुर को 80 करोड़ रुपये का अनुदान जारी किया है. आईआईटी खड़गपुर के अद्रिजीत गोस्वामी ने कहा कि इस अनुदान से ऑनलाइन मंच और ‘ई-लर्निंग’ को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी. गोस्वामी इस ‘पैन इंडिया’ कार्यक्रम के समन्वय का नेतृत्व कर रहे हैं.

By Prabhat Khabar Print Desk | December 15, 2020 5:24 PM

कोलकाता : केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने शैक्षणिक एवं अनुसंधान सहयोग को बढ़ावा देने की योजना (स्पार्क) के दूसरे चरण के लिए आईआईटी खड़गपुर को 80 करोड़ रुपये का अनुदान जारी किया है. आईआईटी खड़गपुर के अद्रिजीत गोस्वामी ने कहा कि इस अनुदान से ऑनलाइन मंच और ‘ई-लर्निंग’ को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी. गोस्वामी इस ‘पैन इंडिया’ कार्यक्रम के समन्वय का नेतृत्व कर रहे हैं.

आईआईटी खड़गपुर की ओर से जारी एक बयान में उनके हवाले से कहा गया, ‘कम से कम ‘स्पार्क’ जैसे कार्यक्रमों के लिए ऑनलाइन जाना एक नया सामान्य मार्ग है. हालांकि ऑनलाइन की कुछ कमियां भी हैं, लेकिन इसके उज्ज्वल पक्ष की ओर गौर करें, तो यह उन लोगों को अवसर प्रदान करता है, जिनके लिए खुद पहुंच न पाने के कारण ऐसे सहयोगात्मक कार्य कठिन हो जाते हैं.’

स्कीम फॉर प्रोमोशन ऑफ एकेडमिक एंड रिसर्च कोलैबोरेशन (SPARC) पहल के प्रथम चरण में आईआईटी खड़गपुर ने ‘इमर्जिंग ट्रेंड्स इन हेल्थकेयर टेक्नोलॉजी इन पोस्ट कोविड-19 एरा’ विषय पर अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, स्वीडन, दक्षिण अफ्रीका, नीदरलैंड और भारत के विशेषज्ञों के साथ एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन किया था.

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यहां बताना प्रासंगिक होगा कि स्पार्क का उद्देश्य देश में रिसर्च को बढ़ावा देना है. इसके लिए भारत के उच्च शिक्षण संस्थानों को दुनिया के 28 देशों के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों के साथ मिलकर समस्याओं के समाधान की दिशा में काम करने के लिए मंच उपलब्ध कराया जाता है. इस योजना के तहत दुनिया भर के चुनिंदा 28 देशों को श्रेष्ठ शिक्षण संस्थानों के शिक्षकों को भारत में रिसर्च कर रहे संस्थानों में आमंत्रित किया जाता है, ताकि वे बता सकें कि यहां क्या कमी रह गयी है.

इस योजना के तहत भारत के छात्रों को दुनिया भर के बेहतरीन लैब में भेजा जाता है, ताकि वे भारत की प्रयोगशालाओं को समृद्ध बना सकें. इतना ही नहीं, इस योजना के जरिये कई कोर्स संयुक्त रूप से तैयार किये जाते हैं, वर्ल्ड क्लास पुस्तकें और मोनोग्राफ आदि भी तैयार करने के साथ-साथ कई अन्य गतिविधियों पर भी फोकस किया जाता है. योजना को सफल बनाने के लिए भारत में हर साल हाई प्रोफाइल इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस आयोजित किये जाते हैं.

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Posted By : Mithilesh Jha

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