सिर्फ एक गलती से डूब गई 17,000 करोड़ की कंपनी, कभी करती थी तगड़ी धुलाई

Washing Powder Nirma: कभी हर घर में पसंद किया जाने वाला वॉशिंग पाउडर निरमा, 17,000 करोड़ का ब्रांड, एक बड़ी गलती से बाजार में लगभग खत्म हो गया. करसनभाई पटेल द्वारा 1969 में शुरू हुआ यह ब्रांड सस्ती कीमत और बेहतरीन सफाई के कारण मशहूर हुआ, लेकिन इनोवेशन की कमी और मार्केटिंग रणनीति की चूक ने इसे कमजोर कर दिया.

By KumarVishwat Sen | August 14, 2025 7:50 PM

Washing Powder Nirma: कम पैसों में कपड़ों की तगड़ी धुलाई करने वाला वाशिंग पावडर निरमा अब बाजार में नहीं मिलता. साल 1990 के दशक के दौरान देश में जब कम घरों में टीवी की पहुंच थी, उस समय दूरदर्शन के जरिए आने वाले विज्ञापनों का लोगों के दिलोदिमाग पर खास असर होता था. इन्हीं में से एक विज्ञापन “वॉशिंग पाउडर निरमा” था. यह जिंगल और ब्रांड इतने लोकप्रिय हुए कि लगभग हर घर में निरमा वॉशिंग पाउडर की मौजूदगी आम थी. सस्ती कीमत और अच्छे परिणाम के कारण यह ब्रांड घरेलू महिलाओं की पहली पसंद बन गया.

करसनभाई पटेल ने बेटी के नाम पर शुरू की कंपनी

निरमा की शुरुआत करसनभाई पटेल ने 1969 में की थी. शुरुआत में वह साइकिल पर घर-घर जाकर वॉशिंग पाउडर बेचते थे. उन्होंने अपनी बेटी निरुपमा के नाम पर इस डिटर्जेंट को ब्रांड किया. निरुपमा का कम उम्र में सड़क हादसे में निधन हो गया था, लेकिन करसनभाई ने अपनी बेटी की याद को जीवित रखने के लिए उनके नाम से यह उत्पाद बाजार में उतारा.

बड़ी कंपनियों को दी कड़ी टक्कर

उस दौर में बाजार में बड़ी कंपनियों का दबदबा था, लेकिन करसनभाई ने एक अनोखी रणनीति अपनाई. उन्होंने हर पैकेट पर लिखा, “कपड़े साफ नहीं हों तो पैसे वापस”. इस गारंटी ने उपभोक्ताओं का विश्वास जीता. नतीजा यह हुआ कि धीरे-धीरे निरमा ने गांव से लेकर शहर तक अपनी पकड़ मजबूत कर ली. 1990 के दशक में इसकी बाजार हिस्सेदारी 60% तक पहुंच गई, जो किसी भी घरेलू ब्रांड के लिए एक रिकॉर्ड थी.

विज्ञापन रणनीति की ताकत

निरमा के विज्ञापन भी इसकी सफलता का बड़ा कारण बने. “वॉशिंग पाउडर निरमा” का गाना और विज्ञापनों में दिखाई गईं बॉलीवुड की लोकप्रिय अभिनेत्रियां हेमा मालिनी, रीना रॉय, श्रीदेवी और सोनाली बेंद्रे ने इसे और भी चर्चित बना दिया. ब्रांड का संदेश ‘सस्ते दाम में बेहतरीन सफाई’ था.

असली चुनौती कब आई

1990 के दशक के अंत में और 2000 के शुरुआती वर्षों में बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने भारतीय डिटर्जेंट बाजार में नए फॉर्मूले और प्रीमियम प्रोडक्ट्स के साथ प्रवेश किया. सर्फ एक्सेल, टाइड और एरियल जैसे ब्रांड्स ने आधुनिक पैकेजिंग, दाग हटाने की नई तकनीक और आक्रामक मार्केटिंग का सहारा लिया. लंबे समय से अपने पुराने फॉर्मूलेशन और लो-कॉस्ट पोजिशनिंग पर निर्भर निरमा इन बदलावों के साथ तालमेल नहीं बैठा पाया.

इनोवेशन की कमी बनी कमजोरी

जहां प्रतिस्पर्धी कंपनियां नए प्रोडक्ट वैरिएंट और बेहतर गुणवत्ता पेश कर रही थीं, वहीं निरमा अपने क्लासिक उत्पाद पर अटका रहा. उपभोक्ताओं की जरूरतें बदल रही थीं. लोग सिर्फ सस्ती कीमत नहीं, बल्कि बेहतर गुणवत्ता और आधुनिक सफाई तकनीक चाहते थे. निरमा इस बदलाव को समझने में देर कर गया.

विज्ञापन में हुई बड़ी गलती

मार्केटिंग के मोर्चे पर भी एक गलती ने ब्रांड की छवि को नुकसान पहुंचाया. निरमा ने इनोवेशन के नाम पर अपने विज्ञापनों में महिला के बजाय पुरुष से कपड़े धुलवाने की थीम अपनाई. इसके लिए अभिनेता ऋतिक रोशन को ब्रांड एंबेसडर बनाया गया. लेकिन, यह विज्ञापन भारतीय गृहिणियों से भावनात्मक जुड़ाव नहीं बना सका. नतीजा यह हुआ कि निरमा का पारंपरिक उपभोक्ता वर्ग उससे दूर होने लगा.

बाजार हिस्सेदारी का पतन

एक समय 60% की हिस्सेदारी वाला यह ब्रांड धीरे-धीरे बाजार में सिमटने लगा. 2000 के दशक के बाद निरमा की बाजार हिस्सेदारी गिरकर लगभग 6% रह गई. जहां पहले यह हर घर की जरूरत था, वहीं अब इसके स्थान पर एरियल, टाइड और सर्फ एक्सेल जैसे ब्रांड्स ने कब्जा जमा लिया.

इसे भी पढ़ें: 1947 में गदर मचा के अकेले पाकिस्तान गए जिन्ना, भारत बना खानदान का बसेरा

करसनभाई पटेल की विरासत

हालांकि, निरमा की लोकप्रियता भले कम हो गई हो, लेकिन करसनभाई पटेल की उद्यमशीलता और संघर्ष आज भी प्रेरणा देती है. साइकिल से शुरुआत करके 17,000 करोड़ का साम्राज्य खड़ा करना आसान नहीं था. यह कहानी बताती है कि सही रणनीति और उपभोक्ता की जरूरतों को समझकर कोई भी ब्रांड बाजार में बड़ा मुकाम हासिल कर सकता है.

इसे भी पढ़ें: भारत में बिस्कुट बेचता है जिन्ना का नाती, 48 साल में खड़ा कर दिया अरबों का कारोबारी साम्राज्य

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.