कमजोर बाजार के बावजूद शांति गोल्ड आईपीओ की शानदार लिस्टिंग

Shanti Gold IPO: इस लिस्टिंग ने निवेशकों की उम्मीदों के अनुरूप प्रदर्शन किया. शेयर मार्केट में डेब्यू के बाद शेयरों में और तेजी आई, और ये 238. 36 रुपये तक पहुंच गए, यानी निवेशकों को 19% तक का फायदा हुआ.

By Rajeev Kumar | August 7, 2025 3:13 PM

Shanti Gold International IPO GMP: कमजोर वैश्विक और घरेलू बाजार के बीच, शांति गोल्ड इंटरनेशनल का आईपीओ आज, 1 अगस्त 2025 को शेयर बाजार में धमाकेदार शुरुआत कर चुका है. 199 रुपये प्रति शेयर के इश्यू प्राइस के मुकाबले, कंपनी के शेयर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर 14. 35% प्रीमियम के साथ 227. 55 रुपये पर और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर 15. 13% प्रीमियम के साथ 229. 10 रुपये पर लिस्ट हुए हैं. यह शानदार लिस्टिंग ऐसे समय में हुई है जब पिछले पांच हफ्तों से बाजार में गिरावट देखी जा रही है और जुलाई में भी निफ्टी और सेंसेक्स 3% से ज्यादा गिरे हैं. इस 360. 11 करोड़ रुपये के आईपीओ को निवेशकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली थी, यह कुल 81 गुना सब्सक्राइब हुआ, जिसमें गैर-संस्थागत निवेशकों और योग्य संस्थागत खरीदारों ने विशेष रुचि दिखाई थी.

शानदार शुरुआत और बाजार का रुझान

शांति गोल्ड इंटरनेशनल लिमिटेड ने शेयर बाजार में शानदार शुरुआत की है. कंपनी के शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर 229. 10 रुपये और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर 227. 55 रुपये के भाव पर लिस्ट हुए. यह इसके इश्यू प्राइस 199 रुपये से क्रमश: 15. 13% और 14. 35% अधिक है. इस लिस्टिंग ने निवेशकों की उम्मीदों के अनुरूप प्रदर्शन किया. शेयर मार्केट में डेब्यू के बाद शेयरों में और तेजी आई, और ये 238. 36 रुपये तक पहुंच गए, यानी निवेशकों को 19% तक का फायदा हुआ. यह बढ़ोतरी ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका की ओर से भारत पर 25 प्रतिशत का भारी टैरिफ लगाने के बाद बाजार कमजोर है, जो 1 अगस्त से लागू हो चुका है.

आईपीओ को मिला जबरदस्त समर्थन

शांति गोल्ड इंटरनेशनल के आईपीओ को निवेशकों का जबरदस्त समर्थन मिला है. कुल 360 करोड़ रुपये के इस आईपीओ को 80. 78 गुना सब्सक्राइब किया गया. विशेष रूप से, उच्च नेटवर्थ व्यक्तियों (HNI) की श्रेणी में 151. 17 गुना और योग्य संस्थागत खरीदारों (QIB) में 117. 33 गुना की मांग देखी गई, जबकि खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी 29. 73 गुना रही. कुल 1. 26 करोड़ शेयरों की पेशकश के मुकाबले 102 करोड़ से ज्यादा शेयरों के लिए बोलियां हासिल हुई थीं, यानी 81. 17 गुना सब्सक्रिप्शन. गैर-संस्थागत निवेशकों (NII) ने अपनी श्रेणी को 151. 48 गुना बुक किया, जबकि योग्य संस्थागत खरीदारों (QIBs) ने 117. 33 बोलियां लगाईं. खुदरा निवेशकों ने 30. 37 गुना सब्सक्रिप्शन किया. इस भारी मांग ने कंपनी के मजबूत व्यापार मॉडल और निवेशकों के भरोसे को दर्शाया है. कंपनी ने 24 जुलाई को एंकर निवेशकों से 108 करोड़ रुपये भी जुटाए थे, जिनमें सोसाइटी जनरल और मेरु इन्वेस्टमेंट फंड जैसे बड़े नाम शामिल हैं.

कंपनी की योजना और कारोबारी विस्तार

शांति गोल्ड इंटरनेशनल 22 कैरेट सीजेड कास्टिंग गोल्ड आभूषणों के निर्माण के लिए जानी जाती है और बिजनेस-टू-बिजनेस (B2B) ग्राहक नेटवर्क पर आधारित है. कंपनी की योजना आईपीओ से प्राप्त राशि का उपयोग जयपुर में नई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने, कार्यशील पूंजी जरूरतों को पूरा करने और आंशिक कर्ज चुकाने में करना है. फिलहाल, कंपनी की एकमात्र फैक्ट्री मुंबई में है और यह 15 से अधिक राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में अपने उत्पाद बेचती है. इसके ग्राहकों में ज्वेलरी ब्रांड्स जैसे जॉयआलुक्कास और ललिता ज्वेलरी शामिल हैं. आईपीओ से जुटाई गई राशि का उपयोग चार प्रमुख उद्देश्यों में किया जाएगा:

  • जयपुर में प्रस्तावित मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की स्थापना से जुड़ी पूंजीगत व्यय की आवश्यकता को पूरा करना, जिसके लिए लगभग 46. 30 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
  • कंपनी की वर्किंग कैपिटल जरूरतों को पूरा करना, जिसके लिए लगभग 200 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे.
  • कुछ ऋणों की आंशिक या पूर्ण अदायगी के लिए 17 करोड़ रुपये का उपयोग किया जाएगा.
  • शेष राशि का उपयोग सामान्य कॉर्पोरेट आवश्यकताओं के तहत किया जाएगा.

वित्तीय प्रदर्शन और मूल्यांकन

वित्त वर्ष 2025 में कंपनी का राजस्व 56% बढ़कर 1,112 करोड़ रुपये और शुद्ध मुनाफा 108% बढ़कर 56 करोड़ रुपये हो गया है. यह मजबूत परिचालन गति को दर्शाता है. हालांकि, 25. 69x के पी/ई मल्टीपल पर इश्यू को प्रीमियम वैल्यूएशन पर बताया जा रहा है. विश्लेषकों के मुताबिक, भारत के फ्रैगमेंटेड और प्रतिस्पर्धी ज्वेलरी बाजार को देखते हुए आगे की ग्रोथ चुनौतियों भरी हो सकती है.

अन्य आईपीओ का प्रदर्शन और बाजार का माहौल

बाजार में कमजोर रुझान के बावजूद, हाल के दिनों में कई आईपीओ ने अच्छा प्रदर्शन किया है. उदाहरण के लिए, सेवी इंफ्रा आईपीओ कमजोर बाजार में भी करीब 14 प्रतिशत के प्रीमियम के साथ एनएसई एसएमई में 136. 50 रुपये पर लिस्ट हुआ और लिस्टिंग के बाद इसमें अपर सर्किट लगा. इसी तरह, पटेल केमिकल स्पेशियलिटीज आईपीओ की भी कमजोर बाजार में मजबूत लिस्टिंग हुई, और कंपनी के शेयर बीएसई एसएमई में 30 प्रतिशत से अधिक की बढ़त के साथ 110 रुपये पर लिस्ट हुए. वर्ष 2025 में जहां सेंसेक्स और निफ्टी जैसे बेंचमार्क इंडेक्स के लिए बाजार सुस्त रहा, वहीं आईपीओ बाजार ने निवेशकों को उम्मीद से कहीं बेहतर रिटर्न देकर चौंका दिया है. निफ्टी जहां 6. 2% और सेंसेक्स 5. 3% की बढ़त दर्ज कर पाए, वहीं आईपीओ में निवेश करने वालों को औसतन 25% यानी लगभग चार गुना ज्यादा का शानदार रिटर्न मिला है. अब तक साल 2025 में 30 मेनबोर्ड आईपीओ शेयर बाजार में लिस्ट हो चुके हैं, जिनमें से 27 कंपनियां अब भी अपने इश्यू प्राइस से ऊपर ट्रेड कर रही हैं. यह दर्शाता है कि कैसे नए निवेशकों ने प्राइमरी मार्केट में विश्वास जताया है, जबकि सेकेंडरी मार्केट में अस्थिरता बनी हुई है. विश्लेषकों का मानना है कि इस साल आईपीओ मार्केट की मजबूत रफ्तार के पीछे कई कारण हैं, जैसे स्वस्थ खुदरा भागीदारी, आकर्षक प्राइसिंग और विभिन्न क्षेत्रों में विविध पेशकश. 2025 के इश्यूज में ईवी, क्लीनटेक, फार्मा और इंडस्ट्रियल्स जैसे सेक्टर्स शामिल रहे, जिससे निवेशकों का रुझान और बढ़ा. इसके अलावा, सेकेंडरी मार्केट में उच्च वैल्यूएशन के कारण निवेशक अब बेहतर एंट्री पॉइंट्स के लिए आईपीओ की ओर देख रहे हैं. कई आईपीओ को तो 50 गुना से ज्यादा सब्सक्रिप्शन मिला.

बाजार में बदलाव और सेबी के प्रस्ताव

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बड़े प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गमों (आईपीओ) की संरचना में बड़े बदलाव का सुझाव दिया है. प्रस्तावित बदलाव के तहत योग्य संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) के लिए आरक्षित हिस्सा बढ़ाया जाएगा, जबकि खुदरा निवेशकों (रिटेल इन्वेस्टर्स) के लिए आरक्षित हिस्सा घटाया जाएगा. सेबी का कहना है कि हाल के वर्षों में आईपीओ का औसत आकार तो बढ़ा है, लेकिन खुदरा निवेशकों की सीधी भागीदारी स्थिर बनी हुई है. खासकर बड़े आईपीओ में खुदरा सब्सक्रिप्शन कमजोर रहा है. सेबी ने सुझाव दिया है कि 5000 करोड़ रुपये से अधिक के आईपीओ में खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षण को 35% से घटाकर 25% कर दिया जाए. वहीं, क्यूआईबी के लिए इसे 50% से बढ़ाकर 60% किया जाए. सेबी का मानना है कि बड़े आईपीओ में संस्थागत निवेशकों की भागीदारी बढ़ाने से बाजार में स्थिरता आएगी, और इससे दीर्घकालिक निवेश को बढ़ावा मिलेगा.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.