Rules Change: इधर चेक जमा उधर खाते में टन से गिरेगा पैसा, आरबीआई जल्द लागू करेगा नया नियम

Rules Change: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) 4 अक्टूबर 2025 से चेक क्लियरेंस के नए नियम लागू करेगा, जिसमें चेक जमा करने के कुछ घंटों के भीतर पैसा खाते में आ जाएगा. मौजूदा टी प्लस 1 प्रणाली को बदलकर ऑन-रियलाइजेशन-सेटलमेंट और निरंतर क्लियरेंस लागू की जाएगी. इससे भुगतान तेजी से होगा, सुरक्षा बढ़ेगी और समय की बचत होगी. दो चरणों में लागू होने वाली इस योजना से ग्राहकों को बेहतर सेवा और बैंकों को डिजिटल अपग्रेड का लाभ मिलेगा, जिससे भारतीय बैंकिंग सेक्टर में बड़ा बदलाव आएगा.

By KumarVishwat Sen | August 13, 2025 10:17 PM

Rules Change: बैंक में चेक के जरिए पैसों की निकासी और जमा करने वालों के लिए बड़ी खबर है. वह यह कि अब बैंक में चेक जमा करने के कुछ घंटे के अंदर क्लियरेंस हो जाएगा. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चेक क्लियरेंस प्रक्रिया को तेज और सुरक्षित बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. 4 अक्टूबर 2025 से लागू होने वाले इस नए नियम के तहत अब चेक जमा करने के कुछ ही घंटों के भीतर पैसा खाते में आ जाएगा.

मौजूदा व्यवस्था और बदलाव की जरूरत

वर्तमान में चेक ट्रंकेशन सिस्टम (सीटीएस) के तहत चेक क्लियरेंस का साइकिल टी प्लस 1 (यानी एक कार्यदिवस बाद) होता है. चेक को प्रोसेस करने में औसतन दो दिन लगते हैं. इसमें भौतिक रूप से चेक भेजने की जरूरत खत्म हो चुकी है, लेकिन बैच प्रोसेसिंग के कारण समय ज्यादा लगता है. अब आरबीआई इसे निरंतर क्लियरिंग में बदलने जा रहा है, जिससे समय में बड़ी कटौती होगी.

क्या है ऑन-रियलाइजेशन-सेटलमेंट

नई प्रणाली के तहत चेक को स्कैन कर तुरंत इलेक्ट्रॉनिक रूप में भुगतान करने वाले बैंक को भेजा जाएगा. बैंक को हर चेक पर पॉजिटिव या नेगेटिव पुष्टि देनी होगी. इससे चेक क्लियरेंस घंटों में हो सकेगा और ग्राहकों को तेज सेवा मिलेगी.

दो चरणों में लागू होगी योजना

पहला चरण 4 अक्टूबर 2025 से 2 जनवरी 2026 तक लागू रहेगा. सुबह 10:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक चेक प्रस्तुत करने का समय रहेगा. बैंक शाम 7:00 बजे तक सभी चेकों की पुष्टि करेंगे. यदि पुष्टि नहीं दी गई तो चेक को स्वीकृत मानकर निपटान में शामिल किया जाएगा. इसका दूसरा चरण 3 जनवरी 2026 से लागू होगा. चेक क्लियरेंस समय को टी प्लस 3 घंटे कर दिया जाएगा. सुबह 10:00 से 11:00 के बीच जमा चेक की पुष्टि दोपहर 2:00 बजे तक देनी होगी, अन्यथा इसे स्वीकृत मान लिया जाएगा.

ग्राहक को क्या होगा फायदा?

  • तेजी से भुगतान: अब चेक जमा करने के कुछ घंटों में ही पैसा खाते में आ जाएगा.
  • सुरक्षा में सुधार: इलेक्ट्रॉनिक इमेज और डेटा ट्रांसफर से फर्जीवाड़े की संभावना कम होगी.
  • समय की बचत: पहले जहां 1-2 दिन लगते थे, अब केवल 3-4 घंटे लगेंगे.

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बैंकों की जिम्मेदारी

आरबीआई ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे इस बदलाव की पूरी जानकारी ग्राहकों को दें और समय पर सिस्टम अपग्रेड करें. साथ ही, निर्धारित तारीखों से पहले सीटीएस निरंतर क्लियरेंस में शामिल होने की तैयारी पूरी कर लें. आरबीआई का यह कदम भारतीय बैंकिंग सेक्टर में डिजिटल और तेज भुगतान प्रणाली की दिशा में एक बड़ा बदलाव है. इससे न केवल ग्राहक अनुभव बेहतर होगा बल्कि वित्तीय लेनदेन की दक्षता भी कई गुना बढ़ेगी.

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