पर्सनल और हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसीधारकों को मिलने वाली बड़ी राहत, जीएसटी से सकती है छूट

Insurance Premium: केंद्र सरकार ने पर्सनल और हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों पर जीएसटी से छूट देने का प्रस्ताव रखा है. वर्तमान में इंश्योरेंस प्रीमियम पर 18% जीएसटी लागू होता है, जिसे हटाने पर करोड़ों पॉलिसीधारकों को राहत मिल सकती है. लगभग सभी राज्यों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है. बशर्ते, लाभ सीधे ग्राहकों तक पहुंचे. विशेषज्ञों का अनुमान है कि इससे सालाना 9,700 करोड़ रुपये की राजस्व क्षति होगी, लेकिन जनता को बड़ा फायदा होगा. अंतिम निर्णय जीएसटी परिषद लेगी.

By KumarVishwat Sen | August 20, 2025 7:35 PM

Insurance Premium: केंद्र सरकार ने पर्सनल इंश्योरेंस पॉलिसी और हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पर लगने वाले वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में छूट देने का प्रस्ताव रखा है. वर्तमान में बीमा प्रीमियम भुगतान पर 18% की दर से जीएसटी लागू होता है. यदि यह छूट लागू होती है, तो बीमा धारकों को बड़ी राहत मिल सकती है.

राज्यों ने किया समर्थन

बिहार के उपमुख्यमंत्री और बीमा पर गठित मंत्रियों के समूह (जीओएम) के संयोजक सम्राट चौधरी ने जानकारी दी कि इस प्रस्ताव का लगभग सभी राज्यों ने समर्थन किया है. हालांकि, तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री मल्लु भट्टी विक्रमार्क ने स्पष्ट किया कि राज्यों ने यह सुनिश्चित करने की मांग की है कि टैक्स में राहत का लाभ बीमा कंपनियों को नहीं बल्कि सीधे पॉलिसीधारकों को मिले.

लाभ आम जनता तक पहुंचाने की मांग

कई राज्यों ने बैठक में कहा कि जीएसटी दरों में कटौती का असर सीधे बीमा ग्राहकों तक पहुंचना चाहिए. उनका मानना है कि यदि कर दरों को घटाया जाता है या पूरी तरह छूट दी जाती है, तो इसका लाभ पॉलिसीधारकों को कम प्रीमियम के रूप में मिलना चाहिए. इस पर अंतिम निर्णय जीएसटी परिषद लेगी.

संभावित राजस्व क्षति

विशेषज्ञों का अनुमान है कि व्यक्तिगत बीमा पॉलिसियों पर जीएसटी छूट देने से सालाना करीब 9,700 करोड़ रुपये की राजस्व क्षति हो सकती है. इसके बावजूद राज्यों ने आम जनता को राहत देने की दिशा में इस कदम का समर्थन किया है.

मंत्री समूह की रिपोर्ट

सम्राट चौधरी ने कहा कि बीमा पर गठित मंत्री समूह अब अपनी रिपोर्ट जीएसटी परिषद को सौंपेगा, जिसमें राज्यों की राय और चिंताएं दर्ज होंगी. केंद्र का प्रस्ताव स्पष्ट है कि पर्सनल इंश्योरेंस पॉलिसियों को जीएसटी से पूरी तरह छूट दी जाए. हालांकि, कुछ राज्यों ने इस पर अपने विचार अलग ढंग से प्रस्तुत किए हैं.

जीएसटी सुधारों का हिस्सा

इंश्यारेंस प्रीमियम पर जीएसटी छूट का यह प्रस्ताव केंद्र के अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों का हिस्सा है. इस सुधार में केवल दो दरों (5% और 18%) के आधार पर ही जीएसटी लगाने का सुझाव दिया गया है. इसका मकसद टैक्स ढांचे को सरल और पारदर्शी बनाना है.

मंत्री समूह का गठन

हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर जीएसटी के प्रभावों की समीक्षा करने के लिए सितंबर में 13 सदस्यीय मंत्री समूह का गठन किया गया था. इसमें उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, मेघालय, पंजाब, तमिलनाडु और तेलंगाना के मंत्री शामिल हैं. इस समूह को अक्टूबर के अंत तक जीएसटी परिषद को अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंपनी है.

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मौजूदा कर संग्रह

वित्त वर्ष 2023-24 में केंद्र और राज्यों ने स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी से 8,262.94 करोड़ रुपये और स्वास्थ्य पुनर्बीमा प्रीमियम पर 1,484.36 करोड़ रुपये एकत्र किए थे. यदि छूट लागू होती है, तो यह आंकड़ा प्रभावित हो सकता है. फिर भी इससे करोड़ों पॉलिसीधारकों को प्रत्यक्ष राहत मिलेगी.

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