पाकिस्तान ने अमेरिका को दिया सीपीईसी परियोजना में निवेश करने का न्योता

पाकिस्तान इस समय नकदी संकट से जूझ रहा है. उसने चीन के साथ मिलकर चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा जैसी महत्वाकांक्षी परियोजना पर काम कर रहा है. इस परियोजना के काम को आगे बढ़ाने के लिए उसने चीन से उधारी लेने के साथ ही अब दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश अमेरिका को भी निवेश करने का न्योता दिया है.

By KumarVishwat Sen | February 28, 2020 6:15 PM

इस्लामाबाद : चीन-पाकिस्तान आर्थिक गालियारा (सीपीईसी) मामले में दिलचस्प मोड़ आया है. नकदी संकट में फंसे पाकिस्तान ने अमेरिका को 60 अरब डॉलर की सीपीईसी परियोजना से जुड़ने का न्योता दिया है. इस महत्वाकांक्षी परियोजना को ट्रंप सरकार संदेह की नजर से देखती है, क्योंकि उसका मानना है कि इसमें पारदर्शिता नहीं है.

पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के वाणिज्य मामलों पर सलाहकार अब्दुल रज्जाक दाऊद ने गुरुवार को कहा कि सरकार ने अमेरिकी के व्यापार मंत्री विलबर रॉस की अगुआई वाले व्यापार प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के दौरान यह पेशकश की. पिछले महीने अमेरिका के वरिष्ठ राजनयिक एलिस वेल्स ने कहा कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गालियारा में कोई पारदर्शिता नहीं है और विश्वबैंक ने जिन कंपनियों को काली सूची में डाला है, उन्हें इसमें ठेके मिले हैं. इससे पाकिस्तान पर कर्ज का बोझ पड़ेगा. रज्जाक ने कहा कि अमेरिका ने पाकिस्तान के ऊर्जा, तेल एवं गैस, कृषि तथा खाद्य प्रसंस्करण में रुचि दिखायी है.

चीन ने सीपीईसी के तहत पाकिस्तान में 60 अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता जतायी है. इसके तहत, चीन की कई विशेष आर्थिक क्षेत्र बनाने की योजना है. भारत ने परियोजना का विरोध किया है, क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से गुजरती है. प्रधानमंत्री इमरान खान और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने तथा आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने के लिये हाल में हुई चर्चा के बाद अमेरिकी वाणिज्य मंत्री पाकिस्तान की यात्रा पर आये.

दाऊद ने बैठक का ब्योरा साझा करते हुए कहा कि अमेरिकी अधिकारियों ने ई-कॉमर्स को बढ़ावा देने के लिए रुचि दिखायी है. उन्होंने कहा कि यूएस इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन पाकिस्तान में नयी कंपनियों के विकास में मदद करेगा. अमेरिकी वाणिज्य मंत्री तालमेल के लिए व्यापार प्रतिनिधिमंडल भेज रहे हैं.

Next Article

Exit mobile version