New Labour Codes: क्या अब कंपनी बिना पूछे नौकरी से निकाल देगी? नए लेबर कोड ने पूरा खेल बदल दिया

New Labour Codes: नए लेबर कोड के लागू होने के बाद अब 300 से कम कर्मचारियों वाली कंपनियां सरकार से अनुमति लिए बिना छंटनी कर सकती हैं. काम के घंटे, ओवरटाइम और ग्रेच्युटी के नियम भी बदल गए हैं, जिससे कर्मचारियों की नौकरी सुरक्षा पर बड़ा असर पड़ सकता है.

By Abhishek Pandey | November 23, 2025 8:33 AM

New Labour Codes: केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए चार नए लेबर कोड्स की खबरें सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में हैं. सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहा फिक्स्ड टर्म एंप्लॉयीज (FTA) को 5 साल की जगह 1 साल में ग्रेच्युटी मिलने वाला प्रावधान. लेकिन इसके अलावा भी कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिन्हें जानना बेहद जरूरी है. सभी अपडेट्स जानने के लिए नीचे पॉइंट्स से गुजर जाइये.

कंपनियों में छंटनी के नियम में बदलाव

कई रिपोर्ट्स के अनुसार, पहले 100 कर्मचारियों वाली कंपनियां बिना सरकारी अनुमति के छंटनी कर सकती थीं. अब यह सीमा बढ़ाकर 300 कर दी गई है. यानि 300 से कम कर्मचारियों वाली कंपनियां सरकार से अनुमति लिए बिना कर्मचारियों की छंटनी कर सकती हैं. यह बदलाव औद्योगिक संबंध संहिता (2020) के तहत किया गया है. चार लेबर कोड इस प्रकार हैं:

  • वेतन संहिता (2019)
  • सामाजिक सुरक्षा संहिता (2020)
  • औद्योगिक संबंध संहिता (2020)
  • व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य-स्थिति संहिता (OSHWCC, 2020)
  • सरकार का दावा है कि इन नए कोड्स से श्रमिकों को बड़े लाभ मिलेंगे.

काम के घंटे और ओवरटाइम

केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय की प्रेस रिलीज के मुताबिक, कंपनियां अब कर्मचारियों से 8 से 12 घंटे तक की शिफ्ट में काम करा सकती हैं, लेकिन साप्ताहिक कार्य समय 48 घंटे से अधिक नहीं होगा. ओवरटाइम की भुगतान दर भी बढ़ाकर सामान्य मजदूरी से कम से कम दोगुनी कर दी गई है.

श्रम मंत्री मनसुख मांडविया की पोस्ट

नए लेबर कोड लागू होने पर केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉक्टर मनसुख मांडविया ने X पर लिखा

आज से देश में नई श्रम संहिताएं लागू हो गई हैं, जिससे मिलेगी—

  • सभी कामगारों को समय पर न्यूनतम वेतन की गारंटी
  • युवाओं को नियुक्ति पत्र की गारंटी
  • महिलाओं को समान वेतन और सम्मान की गारंटी
  • 40 करोड़ श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा की गारंटी
  • फिक्स्ड टर्म एम्प्लॉईज़ को एक साल बाद ग्रेच्युटी की गारंटी
  • 40 वर्ष से अधिक आयु वाले श्रमिकों को सालाना मुफ्त हेल्थ चेक-अप
  • ओवरटाइम पर दुगने वेतन की गारंटी
  • जोखिम-भरे क्षेत्रों में काम करने वालों को 100% हेल्थ सिक्युरिटी
  • अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप सामाजिक न्याय की गारंटी

मंत्री ने बताया कि यह सुधार केवल बदलाव नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा श्रमिकों के कल्याण के लिए लिया गया एक ऐतिहासिक निर्णय है. नए श्रम सुधार आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं और विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को नई गति देंगे.

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