Insurance Buying Tips: इंश्योरेंस एजेंटों के आकर्षक वादों से रहें सावधान, वर्ना जेब को लग जाएगा चूना
Insurance Buying Tips: गलत तरीके से बेची जा रही इंश्योरेंस पॉलिसी से बचना चाहते हैं? मिस-सेलिंग के संकेत, झूठे वादों की पहचान, छिपे हुए चार्ज और “गारंटी” जैसे शब्दों के पीछे की सच्चाई को जानना बेहद जरूरी है. सही इंश्योरेंस चुनने के आसान तरीकों को जानना सबके लिए आसान है. इरडाई के नियम, फ्री-लुक पीरियड का महत्व और ऐसे जरूरी सवाल जो साइन करने से पहले पूछना बेहद जरूरी हैं. जागरूक बनें और अपने पैसों को सुरक्षित रखें.
Insurance Buying Tips: क्या आप अपने लिए या फिर अपने परिवार के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी लेने जा रहे हैं? आपसे किसी कंपनी के एजेंट ने फोन पर या फिजिकली संपर्क किया है? वह आपको इंश्योरेंस पॉलिसी के बारे में बढ़-चढ़कर बता रहा है? अगर ऐसा है, तो आप सावधान हो जाएं. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि कहीं आप गलत तरीके से बेची जा रही इंश्योरेंस पॉलिसी को तो नहीं लेने जा रहे हैं? गलत पॉलिसी और गलत तरीके से बेची जा रही पॉलिसी में केवल एक सूत भर का अंतर है. इसे पता लगाना इतना आसान नहीं है. लेकिन, अगर इसका पता लगाना ही है, तो उसके लिए कुछ टिप्स जानना बेहद जरूरी है. आइए, उन टिप्स के बारे में जानते हैं.
पॉलिसी बेचने के तरीके पर रखें नजर
गलत तरीके से बेची गई इंश्योरेंस पॉलिसी अक्सर पहली नजर में बिल्कुल सही लगती है. एजेंट आत्मविश्वासी होता है, प्रोडक्ट रेगुलेटेड होता है और वादे आकर्षक लगते हैं. असली समस्या प्रोडक्ट में नहीं, बल्कि उसे बेचने के तरीके में होती है. गलत वादे, आपके लक्ष्य से मेल न खाना और अहम शर्तों को छिपा लेना है. इसलिए पॉलिसी लेने से पहले सच को पहचानना बेहद जरूरी है.
पॉलिसी कैसे बेची जा रही है?
अगर कोई एजेंट पॉलिसी आपको जल्दबाजी में खरीदने के लिए दबाव बना रही है, तो यह पहली चेतावनी है. इसमें आज ही लेना होगा, ऑफर खत्म हो रहा है, नियम बदलने वाले हैं आदि शामिल हैं. ऐसी बातें इसलिए कही जाती हैं, ताकि आप तुलना और सोच-विचार न कर सकें. एक अच्छा इंश्योरेंस प्रोडक्ट दो-तीन दिन सोचने के बाद भी अच्छा ही दिखेगा. अगर वाकई कोई डेडलाइन है, तो उससे जुड़ा लिखित सर्कुलर या डॉक्यूमेंट मांगना आपका अधिकार है.
सीधा सवाल पूछें: यह पॉलिसी मेरे लिए क्या करेगी
कई गलत बिक्री इसलिए होती हैं, क्योंकि ग्राहक का लक्ष्य स्पष्ट नहीं होता. अगर आपको सुरक्षा चाहिए, तो टर्म इंश्योरेंस जैसे प्रोटेक्शन-फर्स्ट प्रोडक्ट होने चाहिए. अगर निवेश चाहिए, तो इन्वेस्टमेंट-फर्स्ट विकल्प देखने चाहिए. जब एक ही पॉलिसी को इंश्योरेंस, इन्वेस्टमेंट, टैक्स सेविंग, रिटायरमेंट और बच्चों की पढ़ाई आदि सब कुछ बताया जाए, तो सावधान हो जाएं. जटिलता अक्सर नुकसान छिपाने का तरीका होती है.
असली खर्च सामने लाना बेहद जरूरी
ज्यादातर पछतावा उन खर्चों से होता है जो शुरुआत में साफ नहीं बताए जाते. अगर पॉलिसी में निवेश का हिस्सा है, तो मौखिक रिटर्न पर भरोसा न करें. हमेशा ऑफिशियल बेनिफिट इलस्ट्रेशन मांगें. यह जरूर देखें कि प्रीमियम बंद करने पर क्या होगा? तीसरे और पांचवें साल की सरेंडर वैल्यू कितनी है? सभी चार्ज काटने के बाद असल में आपको कितना पैसा मिलेगा?
गारंटी और आश्वासन जैसे शब्दों से रहें सावधान
इंश्योरेंस में गारंटीड लाभ हो सकते हैं, लेकिन वे सख्त शर्तों से जुड़े होते हैं. इसमें समय पर प्रीमियम, लंबी अवधि तक पॉलिसी रखना आदि शामिल हैं. मार्केट-लिंक्ड इन्वेस्टमेंट में किसी भी तरह की पक्की गारंटी संभव नहीं होती. सेबी के नियम इसी वजह से रिटर्न के दावों पर चेतावनी अनिवार्य करते हैं. अगर कोई कहे कि यह तो तय है, तो समझ लें कि आपको पूरी सच्चाई नहीं बताई जा रही.
स्टैबिलिटी की जांच हो रही है या नहीं
एक सही बिक्री में आपसे आपके आश्रितों, मौजूदा कवर, कर्ज़, लक्ष्य, निवेश अवधि और जोखिम क्षमता के बारे में सवाल पूछे जाते हैं. इरडाई और एएमएफआई दोनों ही यह अपेक्षा करते हैं कि प्रोडक्ट ग्राहक की प्रोफाइल से मेल खाए. अगर बातचीत सीधे फॉर्म और साइन पर आ जाए, तो समझिए उपयुक्तता को सिर्फ औपचारिकता बनाया जा रहा है.
इसे भी पढ़ें: Leave Funny Tips: 3 दिन की छुट्टी पर 12 दिन कैसे मारना है बंक? वायरल हो रहा 2026 का लीव प्लानर
फ्री-लुक पीरियड का इस्तेमाल करें
इरडाई के नियमों के अनुसार, पॉलिसी दस्तावेज मिलने के बाद कम से कम 15 दिन (और ऑनलाइन पॉलिसी में 30 दिन) का फ्री-लुक पीरियड मिलता है. लेकिन इसे जल्दबाजी में साइन करने का बहाना न बनाएं. दस्तावेज ध्यान से पढ़ें, क्योंकि बाद में सरेंडर करने पर भारी कटौती हो सकती है.
इसे भी पढ़ें: बैंक ग्राहक कृपया ध्यान दें! तीन जनवरी से 3 घंटे में चेक नहीं होगा क्लियर, जानें क्यों?
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.
