10 मिनट में डिलीवरी करने वाला Zepto ला रहा IPO, अब शेयर मार्केट में ब्लिंकिट और स्विगी को देगा टक्कर

Zepto IPO: भारत के क्विक कॉमर्स सेक्टर में एक और बड़ा कदम उठने जा रहा है. 10 मिनट में डिलीवरी के लिए पहचान बना चुका बेंगलुरु बेस्ड स्टार्टअप Zepto अब IPO की तैयारी में है. कंपनी 26 दिसंबर को SEBI के पास ड्राफ्ट पेपर दाखिल कर सकती है.

By Anshuman Parashar | December 25, 2025 2:29 PM

Zepto IPO: भारत का क्विक कॉमर्स मार्केट अब एक और बड़े बदलाव का गवाह बनने वाला है. बेंगलुरु बेस्ड स्टार्टअप जेप्टो (Zepto) अपने आईपीओ (IPO) की प्रक्रिया को गति देते हुए कल, यानी 26 दिसंबर को मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) के पास ड्राफ्ट पेपर फाइल कर सकता है. सूत्रों के मुताबिक, कंपनी ने इसके लिए गोपनीय फाइलिंग का रास्ता चुना है.

महज 6 साल में तय होगा फर्श से अर्श तक का सफर

जेप्टो की यह छलांग स्टार्टअप जगत के लिए मिसाल बन सकती है. साल 2020 में अपनी शुरुआत करने वाली यह कंपनी अगर 2026 तक शेयर बाजार में लिस्टेड होती है, तो यह देश की सबसे कम उम्र वाली पब्लिक कंपनियों की फेहरिस्त में टॉप पर होगी. यह रफ्तार ‘होनसा कंज्यूमर’ (मामाअर्थ) जैसी कंपनियों से भी कहीं अधिक है, जिन्हें लिस्ट होने में करीब सात साल का समय लगा था.

स्टेकहोल्डर्स को कल मिलेगी सूचना

रिपोर्ट्स की मानें तो प्री-फाइलिंग से जुड़े तमाम कानूनी और तकनीकी कार्य निपटा लिए गए हैं. गुरुवार को कंपनी अपने निवेशकों और हितधारकों को इस महत्वपूर्ण कदम की आधिकारिक जानकारी दे सकती है. इस IPO के जरिए जेप्टो का लक्ष्य अगले साल तक बाजार में अपनी नई पहचान स्थापित करना है.

मार्केट लीडर्स को मिलेगी कड़ी चुनौती

जेप्टो की लिस्टिंग के साथ ही शेयर बाजार में ‘क्विक कॉमर्स’ की जंग और भी दिलचस्प हो जाएगी. फिलहाल इस सेक्टर की दो बड़ी कंपनियां बाजार में पहले से मौजूद हैं.

  • Blinkit जिसकी मार्केट वैल्यू 30 बिलियन डॉलर के पास है.
  • Swiggy जो लगभग 12 बिलियन डॉलर के मार्केट कैप पर खड़ी है.

बदलते बाजार का नया चेहरा

बीते कुछ ही सालों में ’10-मिनट डिलीवरी’ का मॉडल एक लग्जरी से बदलकर आम आदमी की जरूरत बन गया है. इस बढ़ते बाजार को भुनाने के लिए न केवल ब्लिंकिट और स्विगी, बल्कि अब टाटा (बिगबास्केट), फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसे दिग्गज खिलाड़ी भी पूरी ताकत झोंक रहे हैं. जेप्टो का IPO इसी बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच खुद को आर्थिक रूप से और मजबूत करने की एक बड़ी रणनीतिक चाल है.

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