Kisan Rail : फार्मर्स के लिए फायदेमंद साबित हो रही है किसान रेल, मंडियों तक आसानी से पहुंच रही इन राज्यों के किसानों की फसल

Indian Railways-Kisan Rail : इस साल के अक्टूबर महीने में महाराष्ट्र के नागपुर से दिल्ली के लिए किसानों द्वारा उपजाए गए फलों को लेकर एक ट्रेन चली, तो देश के दूसरे हिस्सों में फसलों को उगाने वाले किसानों में भी आस जगी कि अब उनकी उपज भी आसानी से मंडियों तक पहुंचाई जा सकेंगी. हालांकि, किसानों और व्यापारियों की ओर से मिली बेहतर प्रतिक्रिया के बाद इस साल 7 अगस्त से लेकर 15 अक्टूबर के बीच रेलवे की ओर से 5 किसान रेल चलाई जा चुकी हैं. ये किसान रेल फिलहाल किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है.

By Prabhat Khabar Print Desk | December 19, 2020 1:39 PM

Indian Railways-Kisan Rail : इस साल के अक्टूबर महीने में महाराष्ट्र के नागपुर से दिल्ली के लिए किसानों द्वारा उपजाए गए फलों को लेकर एक ट्रेन चली, तो देश के दूसरे हिस्सों में फसलों को उगाने वाले किसानों में भी आस जगी कि अब उनकी उपज भी आसानी से मंडियों तक पहुंचाई जा सकेंगी. हालांकि, किसानों और व्यापारियों की ओर से मिली बेहतर प्रतिक्रिया के बाद इस साल 7 अगस्त से लेकर 15 अक्टूबर के बीच रेलवे की ओर से 5 किसान रेल चलाई जा चुकी हैं. ये किसान रेल फिलहाल किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है.

बता दें कि 2020 के वार्षिक बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर देश के किसानों की फसलों को मंडियों तक पहुंचाने के लिए किसान रेल चलाने की घोषणा की थी. अब इन पांच ट्रेनों के जरिए किसानों की उपज को सीधे मंडियों में पहुंचाया जा रहा है. बजट 2020 में की गई घोषणा के अनुसार, पार्सल की बुकिंग स्टेशन पर हो रही है. हर स्टेशन पर किसान अपना पार्सल चढ़ा-उतार सकते हैं. इसका बड़ा फायदा यह है कि उपज को मंडियों में पहुंचने में कम समय लगने के साथ लागत में भी कमी आई है.

अब तक कितनी चलीं किसानों की स्पेशल ट्रेन

  • किसान रेल : देवाली (महाराष्ट्र) से दानापुर (बिहार)

  • किसान रेल : अनंतपुर (आंध्र प्रदेश) से नई दिल्ली

  • किसान रेल : बंगलुरू (कर्नाटक) से हजरत निजामुद्दीन (दिल्ली)

  • किसान रेल : नागपुर (महाराष्ट्र) से दिल्ली

  • किसान रेल : इंदौर (मध्य प्रदेश) से गुवाहाटी (असम)

क्या है किसान रेल?

दरअसल, किसान रेल एक तरह की स्पेशल पार्सन ट्रेन होगी, जिसमें अनाज, फल और सब्जियों को लादकर मंडियों तक ले जाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा. बजट 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की घोषणा के अनुसार, यह पीपीपी मॉडल पर चलाई जाने वाली रेल सेवा है, जो किसानों द्वारा उगाई गई फसलों को सीधे मंडी तक पहुंचाएंगी. इसमें माल भाड़े में किसानों को 50 फीसदी सब्सिडी देने का प्रावधान है. किसानों को अपनी उपज को मंडियों में पहुंचाने की लागत कम होगी. वहीं, समय भी बचेगा. ताजे फल और सब्जियां मंडियों तक कम समय में पहुंच जाएंगे. किसान ट्रेन पूरी तरह से वातानुकूलित होंगी.

किसान और उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद

पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान रेल को किसान और उपभोक्ता के लिए फायदेमंद बताया. उन्होंने कहा कि इससे फल-सब्जी की कीमतें घटाने-बढ़ाने का खेल खेलने वालों को मौका कम मिलेगा. इस तरह की सुविधाओं से खराब मौसम या दूसरे तरह के संकट मसलन बाढ़ आदि के समय भी बाजारों में ताजे फल और सब्जी की कमी नहीं होगी और कीमत कीमतें घटाने-बढ़ाने का खेल बंद होगा. यह एक तरह से रेलवे के ट्रैक पर दौड़ता हुआ कोल्ड स्टोरेज होगा.

Also Read: भारत की पहली ‘किसान रेल’ सेवा आज से शुरू, केंद्रीय मंत्री ने हरी झंडी दिखा ट्रेन को किया रवाना, शनिवार की शाम दानापुर पहुंचेगी

Posted By : Vishwat Sen

Next Article

Exit mobile version