करोड़ों कर्मचारियों के लिए खुशखबरी! अब यूपीआई से भी पीएफ खाते से निकाल सकेंगे 75% तक पैसे

EPF UPI ATM Withdrawal: ईपीएफ खाताधारकों के लिए बड़ी राहत की खबर है. सरकार मार्च 2026 से पहले कर्मचारी भविष्य निधि से 75% तक राशि एटीएम और यूपीआई के जरिए निकालने की सुविधा शुरू करने जा रही है. श्रम मंत्रालय और ईपीएफओ की इस पहल से कागजी कार्रवाई और देरी खत्म होगी. नए नियमों के तहत कर्मचारी और नियोक्ता दोनों के योगदान सहित कुल कॉर्पस से निकासी संभव होगी. यह बदलाव करोड़ों कर्मचारियों को रियल-टाइम लिक्विडिटी और आसान फंड एक्सेस प्रदान करेगा.

By KumarVishwat Sen | December 17, 2025 7:40 PM

EPF UPI ATM Withdrawal: देश के करोड़ों कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी है. यह खबर कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) से जुड़ी है. सरकार ईपीएफ खातों से पैसे निकालने की प्रक्रिया को तेज, आसान और तकनीक-सक्षम बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है. सरकार की योजना के तहत कर्मचारी जल्द ही अपने ईपीएफ खाते से 75% तक की राशि सीधे एटीएम और यूपीआई के माध्यम से निकाल सकेंगे. इससे न केवल कागजी प्रक्रिया खत्म होगी, बल्कि आपात स्थिति में तुरंत पैसा मिल सकेगा.

मार्च 2026 से पहले लागू हो सकती है नई सुविधा

केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया ने साफ किया है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) मार्च 2026 से पहले इस नई निकासी व्यवस्था को लागू करने की तैयारी में है. एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि मंत्रालय का उद्देश्य ईपीएफ को बैंकिंग सिस्टम की तरह रियल-टाइम और यूजर-फ्रेंडली बनाना है. इसके तहत सब्सक्राइबर न केवल एटीएम से पैसा निकाल सकेंगे, बल्कि यूपीआई के जरिए भी सीधे अपने खाते में फंड ट्रांसफर कर पाएंगे.

यूपीआई और एटीएम से पैसा निकासी का तरीका

नई व्यवस्था के लागू होने के बाद ईपीएफ खाता धारकों को लंबी-चौड़ी प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ेगा. जैसे बैंक खाते से एटीएम या यूपीआई के जरिए पैसे निकाले जाते हैं, वैसे ही ईपीएफ बैलेंस को भी एक्सेस किया जा सकेगा. हालांकि, इसके लिए कुछ सुरक्षा और सत्यापन प्रक्रियाएं रहेंगी, ताकि खाते की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. मंत्रालय का फोकस यह है कि पैसा सब्सक्राइबर का है, तो उसकी पहुंच भी आसान होनी चाहिए.

क्यों बदली जा रही है निकासी प्रणाली

मौजूदा ईपीएफ निकासी सिस्टम को लंबे समय से जटिल और समय लेने वाला माना जाता रहा है. निकासी के लिए अलग-अलग फॉर्म, श्रेणियां और पात्रता शर्तें होने के कारण कई बार कर्मचारियों के दावे खारिज हो जाते थे या उनमें देरी होती थी. श्रम मंत्रालय का मानना है कि यही जटिलता कर्मचारियों को अपने ही पैसे तक पहुंचने से रोकती है. इसी समस्या को दूर करने के लिए सरकार ने सिस्टम को सरल बनाने का फैसला किया.

ईपीएफओ के सुधारों की अहम भूमिका

एटीएम और यूपीआई से निकासी की यह योजना ईपीएफओ द्वारा अक्टूबर 2025 में मंज़ूर किए गए व्यापक सुधारों पर आधारित है. इन सुधारों के तहत ईपीएफ निकासी की 13 अलग-अलग श्रेणियों को मिलाकर एक सरल ढांचा तैयार किया गया. पहले अलग-अलग कारणों के लिए अलग नियम थे, जिससे भ्रम की स्थिति बनती थी. अब नियमों को एकरूप बनाकर पारदर्शिता और सुविधा बढ़ाई गई है.

कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का योगदान शामिल

पहले ईपीएफ निकासी में ज्यादातर मामलों में केवल कर्मचारी के योगदान और उस पर मिलने वाले ब्याज को ही निकाला जा सकता था. नियोक्ता के योगदान पर कई तरह की सीमाएं थीं. लेकिन, नए नियमों के तहत कर्मचारी अब अपने कुल ईपीएफ कॉर्पस का 75% तक निकाल सकते हैं, जिसमें कर्मचारी का योगदान, नियोक्ता का योगदान और उस पर मिला ब्याज तीनों शामिल होंगे. यह बदलाव कर्मचारियों के लिए बड़ी वित्तीय राहत साबित होगा.

सेवा अवधि के नियम भी हुए सरल

नई व्यवस्था में पात्रता से जुड़े नियमों को भी आसान बनाया गया है. अब सभी तरह की आंशिक निकासी के लिए न्यूनतम 12 महीने की सेवा अवधि तय की गई है. इससे पहले कुछ मामलों में सात साल तक की सेवा जरूरी होती थी, जो कई कर्मचारियों के लिए बड़ी बाधा थी. यह मानकीकरण ईपीएफ सिस्टम को ज्यादा व्यावहारिक बनाता है.

बेरोजगारी और खास परिस्थितियों में पूरी छूट

बेरोजगारी की स्थिति में ईपीएफ सदस्य अभी भी अपने बैलेंस का 75% हिस्सा तुरंत निकाल सकते हैं. शेष 25% राशि एक साल बाद निकाली जा सकती है. वहीं, कुछ विशेष परिस्थितियों (55 वर्ष की उम्र के बाद रिटायरमेंट) स्थायी विकलांगता, छंटनी, स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति या विदेश में स्थायी रूप से बसने में पूरा ईपीएफ बैलेंस निकालने की अनुमति बनी रहेगी.

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कर्मचारियों के लिए क्या बदलेगा आगे

अगर यह योजना तय समय पर लागू हो जाती है, तो ईपीएफ भारत की सबसे आधुनिक सोशल सिक्योरिटी स्कीम्स में शामिल हो जाएगा. एटीएम और यूपीआई आधारित निकासी से कर्मचारियों को आपात स्थिति में तुरंत लिक्विडिटी मिलेगी और ईपीएफ सिस्टम बैंकिंग सेवाओं के और करीब आ जाएगा. कुल मिलाकर, यह बदलाव कर्मचारियों के लिए उनके ही पैसे तक आसान, तेज़ और भरोसेमंद पहुंच सुनिश्चित करेगा.

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