MobiKwik की तकनीकी खामी से 40 करोड़ का फ्रॉड, 2,500 खाते फ्रीज, मचा हड़कंप

Cyber Fraud: गुरुग्राम पुलिस ने MobiKwik ऐप में तकनीकी खामी का फायदा उठाकर किए गए 40 करोड़ रुपये के बड़े फ्रॉड का खुलासा किया है. इस मामले में छह आरोपी गिरफ्तार किए गए, जबकि 2,500 बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए हैं और 8 करोड़ रुपये बरामद हुए.

By Abhishek Pandey | September 18, 2025 10:06 AM

Cyber Fraud: गुरुग्राम पुलिस ने मंगलवार को एक बड़े फिनटेक फ्रॉड का खुलासा किया, जिसमें आरोपी MobiKwik ऐप की तकनीकी खामी का फायदा उठाकर अवैध लेनदेन कर रहे थे. पुलिस ने बताया कि मामले में कुल 2,500 बैंक खाते शामिल थे और लगभग ₹40 करोड़ की धोखाधड़ी की गई.

आरोपी और गिरफ्तारियां

पुलिस ने सोमवार को गुरुग्राम से छह आरोपियों को गिरफ्तार किया. आरोपियों की पहचान रहान, मोहम्मद साकिल, वाकर यूनुस, वसीम अख्तर, मोहम्मद अमीर और मोहम्मद अंसार के रूप में हुई. पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि अब तक 2,500 खातों को फ्रीज किया गया है और उनसे लगभग ₹8 करोड़ की राशि रिकवर की गई है.

मामला कैसे सामने आया

यह मामला 13 सितंबर 2025 को सेक्टर 53 पुलिस स्टेशन में MobiKwik के अधिकृत प्रतिनिधि द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के बाद उजागर हुआ. पुलिस ने बताया कि कंपनी ने 12 सितंबर को आंतरिक ऑडिट के दौरान संदिग्ध लेनदेन का पता लगाया. ऑडिट में यह सामने आया कि कुछ MobiKwik-रजिस्टर्ड मर्चेंट्स और अन्य अज्ञात व्यक्तियों ने ऐप की तकनीकी खामी का फायदा उठाया. इस खामी के कारण असफल लेनदेन को सफल दिखाया जा रहा था, जिससे पैसे गलत तरीके से मर्चेंट्स और आरोपियों के खातों में ट्रांसफर हो गए.

पुलिस के अनुसार, तकनीकी खामी यह थी कि यूटिलिटी या बैंक अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस न होने पर भी लेनदेन सफल दिख रहा था. गलत पासवर्ड डालने पर भी लेनदेन पूर्ण हो जाता था. आरोपी जानबूझकर इस खामी का फायदा उठाकर फंड ट्रांसफर करते थे, जिससे MobiKwik को वित्तीय नुकसान हुआ.

पुलिस कार्रवाई और कानूनी प्रावधान

गुरुग्राम पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4) और 314 के तहत मामला दर्ज किया. पुलिस ने जांच के दौरान संदिग्ध खातों और लाभार्थियों का विवरण एकत्र किया. गिरफ्तार आरोपियों को स्थानीय अदालत में पेश किया गया और न्यायिक हिरासत में भेजा गया. पुलिस ने कहा कि जांच जारी है और अन्य आरोपी भी सामने आ सकते हैं. फ्रॉड की राशि बढ़ने की संभावना है.

इससे पहले अगस्त 2025 में Policybazaar Insurance Brokers Private Limited ने भी गुरुग्राम पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. इसमें आरोप था कि अज्ञात व्यक्तियों ने कंपनी के कर्मचारियों का भेष बदलकर धोखाधड़ी की, दस्तावेज फ्रिज किए और नकली प्लेटफॉर्म पर ग्राहकों से भुगतान कराया. उस मामले में 11 ग्राहकों को ₹8,510 से ₹35,000 तक का नुकसान हुआ और कुल राशि ₹2,08,645 थी.

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