चेन्नई के कस्टम अफसरों पर करप्शन का आरोप, वित्त मंत्रालय ने राजस्व विभाग का दिया जांच का जिम्मा
Corruption Inquiry: चेन्नई के कस्टम अफसरों पर विनट्रैक इंक के करप्शन आरोपों की जांच अब राजस्व विभाग करेगा. वित्त मंत्रालय ने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच के लिए वरिष्ठ अधिकारी नियुक्त किए गए हैं. विनट्रैक इंक ने रिश्वत मांगने और उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कारोबार बंद करने की घोषणा की थी. सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है. सीबीआईसी ने भी तथ्यों की गहन जांच और कानूनन कार्रवाई की बात कही है.
Corruption Inquiry: चेन्नई के कस्टम अफसरों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए हैं. आयात कंपनी विनट्रैक इंक ने दावा किया है कि चेन्नई के कस्टम अफसरों ने उत्पीड़न और रिश्वत की मांग की, जिसके चलते कंपनी को अपना कारोबार बंद करना पड़ा. कंपनी ने इस मामले को सार्वजनिक करते हुए 1 अक्टूबर को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया था.
कंपनी संस्थापक का खुलासा
विनट्रैक इंक के संस्थापक प्रवीण गणेशन ने भी ‘एक्स’ पर एक वीडियो जारी किया. इसमें उन्होंने जनवरी 2025 से अब तक की घटनाओं का जिक्र किया और आरोप लगाया कि उनके आयातित माल को चेन्नई सीमा शुल्क अधिकारियों ने रोक लिया था. गणेशन ने कहा कि अधिकारियों द्वारा मांगी गई रिश्वत देने के बाद ही उनका माल छोड़ा गया, जिससे उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा और अंततः कारोबार बंद करना पड़ा.
वित्त मंत्रालय की कार्रवाई
वित्त मंत्रालय ने विनट्रैक इंक द्वारा लगाए गए आरोपों को संज्ञान में लेते हुए तुरंत कदम उठाया है. मंत्रालय ने कहा कि मामले की निष्पक्ष, पारदर्शी और तथ्य-आधारित जांच कराने के लिए राजस्व विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी को नियुक्त किया गया है. मंत्रालय ने साफ किया कि सभी पक्षों से बयान लिया जाएगा और दस्तावेजों सहित साक्ष्यों की गहन पड़ताल की जाएगी.
वित्त मंत्रालय का आधिकारिक बयान
वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर लिखा, “मामले की विस्तृत तथ्यपरक जांच करने, संबंधित पक्षों एवं अधिकारियों का पक्ष जानने और सभी प्रासंगिक दस्तावेजों की समीक्षा के लिए राजस्व विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी को जिम्मेदारी दी गई है. सरकार इस मामले को अत्यंत गंभीरता से ले रही है और कानून के अनुरूप उचित तथा शीघ्र कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है.”
सरकार के सुधार प्रयास
मंत्रालय ने यह भी दोहराया कि हाल के वर्षों में सरकार ने सीमा शुल्क प्रक्रियाओं को पारदर्शी बनाने और कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं. इनमें करदाता चार्टर का अपनाना, फेसलेस कस्टम्स प्रणाली (जहां करदाता और अधिकारी आमने-सामने नहीं आते) और विवाद समाधान के लिए अपीलीय निकायों की स्थापना जैसे कदम शामिल हैं.
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सीबीआईसी की प्रतिक्रिया
इस मामले में सीमा शुल्क विभाग की नियामक संस्था केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने भी प्रतिक्रिया दी है. सीबीआईसी ने सोशल मीडिया पर कहा कि यह मामला आयातक द्वारा गलत घोषणा और गलत वर्गीकरण से जुड़ा है. संस्था ने यह भी कहा कि सभी तथ्यों की विधिवत जांच की जाएगी और कानून के तहत आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित होगी.
भाषा इनपुट के साथ
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