Budget 2023: अर्थशास्त्रियों ने की बजट में सोशल सुरक्षा पेंशन और मैटरनिटी लाभ में वृद्धि की मांग, जानें डिटेल

इस पत्र के अनुसार, NOAPS के तहत केंद्र सरकार का योगदान 2006 से प्रति व्यक्ति प्रति माह 200 रुपये है. इसमें कहा गया है कि इस योगदान को कम से कम 500 रुपये तक बढ़ाया जाना चाहिए या अधिक. इसके लिए 2.1 NOAPS लाभार्थियों को कवर करने के लिए 7,560 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजटीय आवंटन की आवश्यकता होगी.

By Aditya kumar | February 1, 2023 10:43 AM

Budget 2023: मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बजट 2023 से पहले, 51 प्रमुख अर्थशास्त्रियों ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर सामाजिक सुरक्षा पेंशन में वृद्धि और मातृत्व लाभ के लिए पर्याप्त प्रावधान की मांग की है. यह पत्र उनके 20 दिसंबर, 2017 और 21 दिसंबर, 2018 के पत्रों का अनुवर्ती है, जो पूर्व वित्त मंत्री स्वर्गीय अरुण जेटली को संबोधित किया गया था.

इन लोगों ने पत्र में किया है हस्ताक्षर

मीडिया एजेंसी बिजनस टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, हस्ताक्षरकर्ताओं में दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के मानद प्रोफेसर ज्यां द्रेज, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय बर्कले अर्थशास्त्र के प्रोफेसर एमेरिटस प्रणब बर्धन, आईआईटी दिल्ली के अर्थशास्त्र के प्रोफेसर आर नागराज और जेएनयू के प्रोफेसर एमेरिटस सुखदेव थोराट शामिल हैं. समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा एक्सेस किए गए पत्र में कहा गया है: “चूंकि दोनों प्रस्तावों को नजरअंदाज कर दिया गया था, हम फिर से लिख रहे हैं, अगले बजट से काफी पहले, उन्हीं सिफारिशों के साथ.”

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NOAPS के तहत केंद्र सरकार का योगदान 2006 से प्रति व्यक्ति प्रति माह 200 रुपये

इस पत्र के अनुसार, राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना (NOAPS) के तहत केंद्र सरकार का योगदान 2006 से प्रति व्यक्ति प्रति माह 200 रुपये है. इसमें कहा गया है कि इस योगदान को कम से कम 500 रुपये तक बढ़ाया जाना चाहिए या अधिक. इसके लिए 2.1 NOAPS लाभार्थियों को कवर करने के लिए 7,560 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजटीय आवंटन की आवश्यकता होगी.

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विधवा पेंशन को 300 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर न्यूनतम 500 रुपये करने की मांग

इस पत्र में कहा गया है कि विधवा पेंशन को 300 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर न्यूनतम 500 रुपये प्रति माह किया जाना चाहिए. इस पर और 1,560 करोड़ रुपये खर्च होंगे. आगे बढ़ते हुए, पत्र में कहा गया है कि बजट 2023-24 में NFSA मानदंडों के अनुसार मातृत्व अधिकारों के पूर्ण कार्यान्वयन के लिए प्रावधान होना चाहिए.

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