15 जून तक 1,500 करोड़ रुपये नहीं दिये तो सहारा प्रमुख जायेंगे तिहाड़!

नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सहारा प्रमुख सुब्रत राय आगाह किया कि अगर वह वादे के अनुसार 15 जून तक 1,500 करोड़ रुपये का भुगतान करने में विफल रहते हैं, तो उन्हें फिर से जेल भेजा जा सकता है. शीर्ष अदालत ने राय के हलफनामा और लिखित में दिये आश्वासन पर गौर करते हुए […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 28, 2017 7:35 AM

नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सहारा प्रमुख सुब्रत राय आगाह किया कि अगर वह वादे के अनुसार 15 जून तक 1,500 करोड़ रुपये का भुगतान करने में विफल रहते हैं, तो उन्हें फिर से जेल भेजा जा सकता है. शीर्ष अदालत ने राय के हलफनामा और लिखित में दिये आश्वासन पर गौर करते हुए कहा,‘अगर चेक नहीं भुनाया जा सका, तो अवमानना के दोष में सीधे जेल जायेंगे.’

कोर्ट में अपने वकील कपिल सिब्बल के ठीक पीछे खड़े रॉय ने हलफनामा और लिखित आश्वासन में कहा है कि वह 15 जून से पहले 1,500 करोड़ रुपये और उसके एक महीने बाद 552.22 करोड़ रुपये देंगे. जस्टिस दीपक मिश्र की अध्यक्षतावाली पीठ ने सहारा प्रमुख से पूछा,‘क्या धन देने का आपका इरादा है.’ इस पर राय ने कहा,‘मैं अपनी ओर से हर संभव प्रयास कर रहा हूं.’ इस पीठ ने कहा,‘हम आपको आगाह करते हैं अगर चेक नहीं भुनाया जा सकता और राशि नहीं आयी, हम यहां से सीधे आपको तिहाड़ जेल भेजने के लिए बाध्य होंगे.’

आरटीजीएस से करें भुगतान

बंबई हाइकोर्ट के परिसमापक विनोद शर्मा से एंबी वैली की नीलामी की शर्तें तैयार करने और 19 जून को मंजूरी के लिए उसके समक्ष रखने को कहा. परिसमापक ने एंबे वैली का मूल्यांकन रिपोर्ट सौंप दिया है. मूल्य 37,392 करोड़ रुपये है. सहारा प्रमुख की पैरवी कर रहे सिब्बल ने जब कहा कि उन्हें 1,500 करोड़ सेबी सहारा रिफंड खाते में जून से पहले इलेक्ट्रानिक रुप से डालने की अनुमति मिले. कोर्ट ने अनुमति दे दी. 10 करोड़ भी नहीं, चले थे सहारा का होटल खरीदने : चेन्नई के प्रकाश स्वामी को अवमानना के मामले में एक महीने के लिए तिहाड़ जेल भेज दिया. न्यू यॉर्क स्थित एमजी कैपिट होल्डिंग्स के पावर ऑफ अटार्नी रखनेवाले स्वामी ने सहारा के न्यू यॉर्क में होट प्लाजा खरीदने की रूचि दिखायी थी. जब कोर्ट ने सेबी-सहारा रिफंड खाता में 750 करोड़ जमा करने को कहा ताकि होटल में खरीदने को लेकर पात्रता का पता चल सके. होटल 55 करोड़ डॉलर का है.स्वामी के वकील ने 17 अप्रैल को स्वीकार किया कि 750 करोड़ रुपये जमा नहीं किया जा सका.

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