विलय के बाद भी अलग-अलग चलते रहेंगे वोडाफोन और आइडिया

नयी दिल्ली : देश के दूरसंचार क्षेत्र की दो बड़ी कंपनियों वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्यूलर के विलय की औपचारिक घोषणा के बाद स्थिति को स्पष्ट करते हुए वोडाफोन के सीईओ विटोरिया कोलाओ ने कहा कि विलय के बाद बनने वाली नयी कंपनी में वोडाफोन और आइडिया की हिस्सेदारी बराबर-बराबर की होगी. इसके साथ ही […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 20, 2017 10:38 AM

नयी दिल्ली : देश के दूरसंचार क्षेत्र की दो बड़ी कंपनियों वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्यूलर के विलय की औपचारिक घोषणा के बाद स्थिति को स्पष्ट करते हुए वोडाफोन के सीईओ विटोरिया कोलाओ ने कहा कि विलय के बाद बनने वाली नयी कंपनी में वोडाफोन और आइडिया की हिस्सेदारी बराबर-बराबर की होगी. इसके साथ ही उन्होंने यह भी साफ कर दिया है कि दूरसंचार क्षेत्र के इस बड़े सौदे के बाद भी आइडिया और वोडाफोन ब्रांड दोनों ही अलग-अलग चलते रहें, क्योंकि दोनों ही काफी मजबूत ब्रांड हैं. उन्होंने कहा कि इन दोनों कंपनियों के विलय के बाद करीब 10 अरब डॉलर की संभावित पूंजी एक साथ आयेगी और सरकार के साथ चल रहे विवाद का इस सौदे पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

इसके साथ ही, आइडिया सेल्यूलर के सीईओ आदित्य बिड़ला ने भी स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि वोडाफोन की करीब 3,874 करोड़ रुपये की 4.9 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए धन आइडिया से नहीं, बल्कि प्रवर्तकों से आयेगा. इसके अलावा उन्होंने विलय के बाद आइडिया का आकार घटने की बात को भी खारिज कर दिया है. इन दोनों कंपनियों के विलय के बाद बनने नयी वाली कंपनी पर दिसंबर, 2016 की स्थिति के अनुसार करीब 1,070 अरब रुपये का शुद्ध कर्ज होगा.

बता दें कि आइडिया सेल्यूलर ने सोमवार को वोडाफोन इंडिया और वोडाफोन मोबाइल सर्विसिज के साथ मिलकर देश की सबसे बड़ी दूरसंचार सेवा कंपनी बनाने को मंजूरी दे दी है. दोनों के मिलने से जो नयी कंपनी बनेगी, उसके ग्राहकों की संख्या 39.40 करोड़ तक होगी. आइडिया सेल्यूलर निदेशक मंडल की सोमवार को यहां हुई बैठक में इस बारे में निर्णय लिया गया. आइडिया ने नियामकीय जानकारी में कहा है कि कंपनी ने वोडफोन इंडिया लिमिटेड (वीआईएल) और इसकी पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी वोडाफोन मोबाइल सर्विसिज लिमिटेड (वीएमएसएल) के साथ एकीकरण को मंजूरी दे दी है.

प्रस्तावित विलय संबंधित प्राधिकरणों से जरूरी मंजूरी मिलने के बाद आगे बढ़ेगा. इसके लिए सेबी, दूरसंचार विभाग और रिजर्व बैंक से मंजूरी लेनी होगी. नियामक को भेजी गयी जानकारी के मुताबिक, कंपनियों के एकीकरण के बाद वाआईएल के इंडस टावर्स लिमिटेड में किये गये निवेश को छोड़कर वीआईएल और वीएमएसएल का पूरा कारोबार, इसकी अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क संपत्ति और सूचना प्रौद्योगिकी प्लेटफार्म सभी नयी कंपनी के तहत आ जायेगी.

वोडाफोन इंडिया का कुल कारोबार 5,025 करोड़ रुपये और वीएमएसएल का 40,378 करोड़ रुपये है. वहीं, आइडिया सेल्यूलर का कारोबार 36,000 करोड़ रुपये है, जबकि वीआईएल की नेटवर्थ 12,855 करोड़ रुपये, वीएमएसएल की 3,737 करोड़ रुपये और आइडिया सेल्यूलर की 24,296 करोड़ रुपये है. ट्राई के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2016 अंत में दूरसंचार बाजार में वोडाफोन की बाजार हिस्सेदारी 20.46 करोड़ मोबाइल ग्राहकों के साथ 18.16 प्रतिशत थी, जबकि आइडिया की 19.05 करोड़ ग्राहकों के साथ 16.9 प्रतिशत हिस्सेदारी है.

इस समय 26.58 करोड ग्राहक संख्या के साथ एयरटेल की मोबाइल दूरसंचार बाजार में 23.58 प्रतिशत की सबसे ज्यादा हिस्सेदारी है. आइडिया और वोडाफोन के संयुक्त वक्तव्य में कहा गया है कि विलय के बाद बनने वाली एकीकृत कंपनी पर शेयरधारक समझौते के मुताबिक वोडाफोन और आदित्य बिड़ला समूह का संयुक्त नियंत्रण होगा. इसमें कहा गया है कि एकीकृत कंपनी में विलय प्रक्रिया पूरी होने के साथ आदित्य बिडला समूह को 3,900 करोड़ रुपये में 4.9 प्रतिशत हिस्सेदारी के हस्तांतरण के बाद वोडाफोन की 45.1 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी.

आइडिया की एकीकृत कंपनी में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी, जबकि शेष हिस्सेदारी सार्वजनिक शेयरधारकों के पास होगी. कंपनियों के संयुक्त बयान में कहा गया है कि आदित्य बिड़ला समूह को आने वाले समय में शेयरधारिता को बराबर करने के लिये वोडाफोन से और शेयरों के अधिग्रहणों का अधिकार होगा. यह काम सहमति प्राप्त प्रणाली के तहत होगा.

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