क्‍या आप जानते हैं 500 और 2000 के नये नोटों की छपाई में कितना होता है खर्च?

नयी दिल्‍ली : आपके हाथों में जब नये कड़कड़ाते करेंसी लगते हैं तो ये सवाल मन में आता ही होगा कि सरकार इन नोटों को छापने में कितना पैसा खर्च करती है. अगर आप भी ये जानने चाहते हैं तो आइये हम आपको बताते हैं कि रिजर्व बैंक को 500 रुपये और 2000 रुपये के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 21, 2016 2:01 PM

नयी दिल्‍ली : आपके हाथों में जब नये कड़कड़ाते करेंसी लगते हैं तो ये सवाल मन में आता ही होगा कि सरकार इन नोटों को छापने में कितना पैसा खर्च करती है. अगर आप भी ये जानने चाहते हैं तो आइये हम आपको बताते हैं कि रिजर्व बैंक को 500 रुपये और 2000 रुपये के नये नोटों की छपाई में कितना खर्चना पड़ता है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को 500 रुपये के नये नोट को छापने पर 3.09 रपये की लागत आ रही है. रिजर्व बैंक को पहले भी 500 रुपये का नोट छापने में यही लागत लगती थी. आरबीआई की पूर्ण स्वामित्व वाली भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड (बीआरबीएनएमपीएल) केंद्रीय बैंक को 2,000 रुपये मूल्य वर्ग का नया नोट 3.54 रुपये में उपलब्ध करा रही है.

मध्यप्रदेश के नीमच निवासी सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड ने बताया कि उन्हें सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत यह जानकारी मिली है. उन्होंने बताया कि उनकी आरटीआई अर्जी के जवाब में बीआरबीएनएमपीएल की ओर से सूचित किया गया कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में 500 रुपये मूल्य वर्ग के 1,000 नये नोटों के लिये 3,090 रुपये मूल्य तय किया गया है. यही कीमत 500 रुपये मूल्य वर्ग के पुराने नोटों के लिये भी निर्धारित थी.

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर को 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को अमान्य कर दिया था. आरबीआई द्वारा वर्ष 1995 में स्थापित इस कम्पनी ने नोटबंदी के बाद भी 500 रुपये मूल्य वर्ग के नये नोटों के बिक्री मूल्य में फिलहाल कोई बदलाव नहीं किया है. गौड़ ने आरटीआई अर्जी के जवाब के हवाले से बताया कि बीआरबीएनएमपीएल 2,000 रुपये मूल्य वर्ग के 1,000 नये नोट आरबीआई को 3,540 रुपये में उपलब्ध करा रही है. यह जानना दिलचस्प है कि कम्पनी नोटबंदी से पहले केंद्रीय बैंक को इसी दाम पर 1,000 रुपये मूल्य वर्ग के पुराने नोटों की आपूर्ति कर रही थी.

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