प्रभु ने दिया किराया बढ़ाने का संकेत, कहा – राजस्व व्यवस्था को युक्तिसंगत बना रहे हैं

नयी दिल्ली : सरकार ने आज बताया कि रेलवे के संसाधन में लगातार कमी आ रही है क्योंकि यात्री और माल किराये को युक्तिसंगत तरीके से व्यस्थित नहीं किया गया है हालांकि वर्तमान सरकार रेल संसाधन एवं राजस्व व्यवस्था को युक्तिसंगत बनाने के साथ दीर्घकालीन लोक सेवा सुनिश्चित करने की दिशा में कदम उठा रही […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 24, 2016 1:33 PM

नयी दिल्ली : सरकार ने आज बताया कि रेलवे के संसाधन में लगातार कमी आ रही है क्योंकि यात्री और माल किराये को युक्तिसंगत तरीके से व्यस्थित नहीं किया गया है हालांकि वर्तमान सरकार रेल संसाधन एवं राजस्व व्यवस्था को युक्तिसंगत बनाने के साथ दीर्घकालीन लोक सेवा सुनिश्चित करने की दिशा में कदम उठा रही है. लोकसभा में प्रह्लाद जोशी के पूरक प्रश्न के उत्तर में रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि रेलवे का विस्तार होने से समाजिक आर्थिक गतिविधियां बढती हैं. अभी रेलवे को जो दो तिहाई आय माल ढुलाई से और एक तिहाई यात्री भाडे से हो रही है.

उन्होंने कहा कि यह चलन पिछले काफी से हो रहा है. यात्री भाडे में काफी सब्सिडी है और इसे माल ढुलाई दर बढाकर पूरा किया जा रहा है. इससे अन्य माध्यमों की तुलना में रेलवे से ढुलाई प्रभावित हो रही है. उन्होंने कहा कि इन सब बातों के कारण रेलवे के संसाधान लगातार कम हो रहे हैं क्योंकि इस विषय पर उपयुक्त एवं युक्तिसंगत तरीके से निर्णय नहीं हुए. रेल विकास प्राधिकरण गठित करने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी एक व्यवस्था बनायी जानी चाहिए कि माल परिचालकों और यात्रियों के हितों को सुनिश्चित किया जा सके और रेलवे के हित भी सुरक्षित रहे. माल ढुलाई तय करते समय कार्य क्षमता को मापदंड बनाया जाना चाहिए.

Next Article

Exit mobile version