कर्मचारियों को आकर्षित करने के लिए स्टार्ट अप कंपनी अपना रही है अनूठी रणनीति

नयी दिल्ली: प्रतिस्पर्धी बाजार में प्रतिभा की कमी को देखते हुए कुछ स्टार्ट-अप ने नये कर्मचारियों के लिये नई नीति अपनायी है. इसके तहत कर्मचारियों को ‘फ्री-लुक’ अवधि दी जाएगी जिसके तहत सभी नये कर्मचारियों को कंपनी की कार्यसंस्कृति को बेहतर तरीके से समझकर कंपनी में बने रहने या उसे छोडने का अधिकार होगा. नये […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 18, 2015 2:44 PM

नयी दिल्ली: प्रतिस्पर्धी बाजार में प्रतिभा की कमी को देखते हुए कुछ स्टार्ट-अप ने नये कर्मचारियों के लिये नई नीति अपनायी है. इसके तहत कर्मचारियों को ‘फ्री-लुक’ अवधि दी जाएगी जिसके तहत सभी नये कर्मचारियों को कंपनी की कार्यसंस्कृति को बेहतर तरीके से समझकर कंपनी में बने रहने या उसे छोडने का अधिकार होगा.

नये विचारों वाली कंपनियों यानी स्टार्ट-अप में कर्मचारियों को पहले 30 दिन जोडे रखना बेहद अहम है क्योंकि कभी-कभी कुछ कर्मचारी अच्छे वेतन को देखते हुए ऐसी कंपनियों में काम करने का विकल्प चुनते हैं लेकिन प्राय: स्थापित कंपनियों के मुकाबले जरुरत के अनुसार काम करना या डिलीवरी देना उनके लिये मुश्किल होता है. शिक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी सिंपलीलर्न ने ‘फ्री लुक नीति’ अपनायी है. यह वरिष्ठ प्रबंध स्तर समेत सभी स्तरों की नियुक्तियों पर लागू होती है. इसके तहत नये कर्मचारियों को अपने प्रशिक्षण तथा सिंपलीलर्न की प्रक्रिया एवं संस्कृति पर मुख्य रुप से ध्यान देने की जरुरत होती है.
सिंपलीलर्न के मुख्य परिचालन अधिकारी :सीओओ: गेराल्ड जयदीप ने कहा, ‘‘बीमा क्षेत्र में ‘फ्री लुक’ की तरह हम नये कर्मचारियों को हमारी कार्य संस्कृति, रोजगार प्रोफाइल के बारे में निर्णय करने की आजादी देते हैं और उन्हें स्वयं यह आकलन करने का मौका देते हैं कि क्या वे व्यक्तिगत और पेशेवर मानकों को देखते हुए काम करने के लिये उपयुक्त हैं या नहीं।” विशेषज्ञों के अनुसार बाजार में प्रतिस्पर्धा काफी अधिक है जबकि दूसरी तरफ प्रतिभा की कमी है, ऐसे में कर्मचारियों को आकर्षित करने और उन्हें बनाये रखने के लिये एक बेहतर रणनीति की जरुरत है.
प्रोप टाइगर डाट काम और मकान डाट काम के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी रोहित हस्तीर ने कहा, ‘‘इस प्रकार के ‘आनबोर्डिंग’ कार्यक्रम को कर्मचारियों ने मूल्यवान पाया है और हमें विश्वास है कि इसके जरिये उन्हें अच्छा अवसर मिलेगा तथा हम उन्हें जोडे रख पाएंगे। इसका सीधा प्रभाव यह हुआ है कि पहले 90 दिन में कंपनी छोडकर जाने वालों की संख्या कम हुई है.”
मकान, जमीन के बारे में जानकारी देने वाली पोर्टल हाउसिंग डाट काम के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी अजय नायर ने कहा, ‘‘जब आप कर्मचारियों को जोडने की नई नीति की लागत की तुलना परंपरागत तरीके की लागत से करते हैं तो यह कुछ अधिक हो सकती है लेकिन इससे कर्मचारियों को लंबे समय तक बनाये रखने में मदद मिलेगी. इससे रोजगार के दौरान जो अवांछित : अप्रत्याशित लागत होती थी, उसकी भरपाई हो जाएगी

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