उद्योग जगत को रिजर्व बैंक से ब्याज दरों में चौथाई फीसदी की कटौती की उम्‍मीद

नयी दिल्ली : रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन आगामी मौद्रिक समीक्षा में सरकार और उद्योग की मांग के आगे झुकते हुए नीतिगत दरों में चौथाई फीसदी की कटौती कर सकते हैं. देश के प्रमुख बैंकरों का मानना है कि आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन देने तथा चीन की अर्थव्यवस्था में सुस्ती के प्रभाव को कम […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 28, 2015 7:33 AM

नयी दिल्ली : रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन आगामी मौद्रिक समीक्षा में सरकार और उद्योग की मांग के आगे झुकते हुए नीतिगत दरों में चौथाई फीसदी की कटौती कर सकते हैं. देश के प्रमुख बैंकरों का मानना है कि आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन देने तथा चीन की अर्थव्यवस्था में सुस्ती के प्रभाव को कम करने के लिए केंद्रीय बैंक 29 सितंबर की द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों में कटौती करेगा. बैंकरों की राय है कि मुद्रास्फीति में कमी तथा अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा यथास्थिति कायम रखने से रिजर्व बैंक के लिए रेपो दर को 0.25 प्रतिशत घटाकर 7 प्रतिशत पर लाने की गुंजाइश मिली है.

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी पिछले सप्ताह कहा था कि अब ब्याज दरें नीचे आनी चाहिए. भारतीय स्टेट बैंक की चेयरमैन अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा कि आगामी महीनों में खाद्य वस्तुओं के दाम चढने की संभावना नहीं है, ऐसे में ब्याज दरों में कटौती की गुंजाइश बनती है. भट्टाचार्य ने कहा, ‘मेरा अभी भी मानना है कि देश में नीतिगत दरों में कटौती की गुंजाइश है. कितनी अभी यह कह पाना मुश्किल है.’ यूनियन बैंक आफ इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अरुण तिवारी ने कहा कि रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में चौथाई फीसद कटौती की संभावना है.

तिवारी ने कहा कि रेपो दर में 29 सितंबर को 0.25 प्रतिशत की कटौती हो सकती है. हालांकि बैंकिंग प्रणाली में पर्याप्त नकदी है इसलिए सांविधिक तरलता अनुपात (एसएलआर) और नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में बदलाव नहीं होगा. इसी तरह की राय जताते हुए एचएसबीसी इंडिया की कंटरी प्रमुख नैना लाल किदवई ने कहा कि रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत कटौती की व्यापक संभावना है, क्योंकि महंगाई अब काबू में है.

बैंक आफ महाराष्ट्र के कार्यकारी निदेशक आर के गुप्ता ने कहा, ‘वृहद आर्थिक मानदंडों में सुधार है, रिजर्व बैंक रेपो दर घटा सकता है. रिजर्व बैंक पर ऋण वृद्धि को समर्थन देने का दबाव है.’ रिजर्व बैंक इस साल तीन किस्तों में नीतिगत दरों में 0.75 प्रतिशत की कटौती कर चुका है. पिछली मौद्रिक समीक्षा में 4 अगस्त को उसने यथास्थिति कायम रखी थी. नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढिया ने कहा था कि रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में आधा से एक फीसद की कटौती के लिए यह उपयुक्त समय है.

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