US फेडरल की ब्‍याज दरों में कोई बदलाव नहीं

वाशिंगटन : फेडरल रिजर्व ने कमजोर वैश्विक अर्थव्यस्था, निम्न मुद्रास्फीति और अस्थिर वित्तीय बाजारों के जोखिमों के कारण अमेरिकी ब्याज दरों को रिकार्ड निचले स्तर पर रखा है. फेडरल रिजर्व के इस निर्णय का असर भारतीय बाजारों में देखने को मिल सकता है. गुरुवार को हुयी अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक में ब्‍याज दरों में […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 18, 2015 7:52 AM

वाशिंगटन : फेडरल रिजर्व ने कमजोर वैश्विक अर्थव्यस्था, निम्न मुद्रास्फीति और अस्थिर वित्तीय बाजारों के जोखिमों के कारण अमेरिकी ब्याज दरों को रिकार्ड निचले स्तर पर रखा है. फेडरल रिजर्व के इस निर्णय का असर भारतीय बाजारों में देखने को मिल सकता है. गुरुवार को हुयी अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक में ब्‍याज दरों में परिवर्तन नहीं करने के फैसले से दुनियाभर के बाजारों ने राहत की सांस ली है. चीन में आर्थिक अस्थिरता के बीच अमेरिका से यह राहतभरी खबर मिली है.

यूएस फेडरल के इस फैसले के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अपनी ब्याज दर घटा सकता है जिससे आपकी इएमआइ कम हो सकती है. यदि यूएस फेडरल अपनी ब्याज दरों में इजाफा करता तो दुनियाभर के बाजारों से पैसा अमेरिका चला जाता.

बहुप्रतिक्षित बैठक की समाप्ति पर फेडरल रिजर्व के अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि अमेरिकी रोजगार क्षेत्र की स्थिति मजबूत है लेकिन वैश्विक दबाव आर्थिक गतिविधियों को कम कर सकती है. चीन में सुस्ती के संकेतों ने अमेरिका और वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर निवेशकों के मन में डर पैदा कर दिया है. तेल की कम कीमतें और डॉलर के उंचे भाव के कारण महंगाई निम्न स्तर पर है.

दुनियाभर के बाजारों की नजर फेड चेयरमैन जेनेट येलेन पर थीं. इसका प्रमुख कारण था कि 9 साल बाद अमेरिकी ब्‍याज दरों में परिवर्तन की आशंका जताई जा रही थी लेकिन ऐसा हुआ नहीं. आपको बता दें कि गुरुवार को वित्‍त राज्‍य मंत्री जयंत सिन्‍हा ने इस संबंध में कहा था कि फेड ब्‍याज दरों के प्रभाव से निपटने के लिए भारत तैयार है. इसके लिए कई चरणों में सुरक्षा उपाय किए गए हैं. रिजर्व बैंक इसके असर से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है.

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