उभरती अर्थव्यवस्था की उम्मीदों को पूरा करने शुरू हुआ ब्रिक्स देशों का नव विकास बैंक

शंघाई : विश्वबैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के विकल्प के तौर पर भारत समेत ब्रिक्स देशों द्वारा 100 अरब डालर की पूंजी से स्थापित नव विकास बैंक (एनडीबी) ने आज यहां अपना काम शुरू कर दिया. यह नया बैंक उभरती अर्थव्यवस्थाओं वाले अपने सदस्य देशों में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के वित्तपोषण को प्रोत्साहित के साथ […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 21, 2015 7:28 PM

शंघाई : विश्वबैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के विकल्प के तौर पर भारत समेत ब्रिक्स देशों द्वारा 100 अरब डालर की पूंजी से स्थापित नव विकास बैंक (एनडीबी) ने आज यहां अपना काम शुरू कर दिया. यह नया बैंक उभरती अर्थव्यवस्थाओं वाले अपने सदस्य देशों में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के वित्तपोषण को प्रोत्साहित के साथ साथ उन्हें उनकी जरूरतों के मुताबिक सेवाएं प्रदान करेगा.

एनडीबी का मुख्यालय शंघाई में है जो चीन की वित्तीय राजधानी के रूप में जानी जाती है. चीन के वित्त मंत्री लू जिवेई, शंघाई के मेयर यांग शियोंग और बैंक के अध्यक्ष के वी कामत यहां आयोजित उद्घाटन समारोह में उपस्थित थे.
कामत (67) को पहले पांच साल के लिए बैंक का प्रमुख बनाया गया है. कामत ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि नया बैंक »fû¦fûÔ की उम्मीद पर खरा उतरेगा. भारत के सबसे बडे निजी क्षेत्र के बैंक आईसीआईसीआई बैंक के पूर्व प्रमुख कामत ने कहा, ‘‘सभी देशों को एक दूसरे के साथ नजदीकी सहयोग करना चाहिए.’’ उन्होंने कहा ‘‘हम अपने सदस्यों को पूरी सावधानी के साथ सुनेंगे और उन्हें जरूरतों के मुताबिक सेवाएं प्रदान करेंगे.’’ विश्वबैंक ने नव विकास बैंक का परिचालन शुरू होने का स्वागत किया. विश्वबैंक के अध्यक्ष जिम योंग किम ने एक बयान में कहा ‘‘हम नव विकास बैंक के अध्यक्ष के वी कामत को और संस्थापक सदस्य – ब्राजील, रुस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका – को इस महत्वपूर्ण मौके पर बधाई देना चाहेंगे.’’
कामत ने इस महीने कहा कि था कि बैंक अगले साल अप्रैल में स्थानीय मुद्रा में कर्ज देना शुरू करेगा और सदस्य देश मुख्य तौर पर कर्ज सुविधा पर ध्यान देंगे. सरकारी टेलीविजन चैनल के मुताबिक काम ने शांघाई में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि एनडीबी और एआईआईबी के बीच सहयोग होगा जो अपना परिचालन जल्दी ही बीजिंग में शुरू करेगा. नव विकास बैंक को चीन द्वारा खडे किये गये एशियाई बुनियादी ढांचा निवेश बैंक (एआईआईबी) का भी समर्थन प्राप्त है जिससे भारत और 56 अन्य देश जुडे हैं. दुनिया की कुल आबादी में ब्रिक्स देशों का 42.6 प्रतिशत योगदान है. कुल भूमि में करीब एक तिहाई हिस्सा और दुनिया की कुल जीडीपी में पांचवा हिस्सा है.
अधिकारियों के अनुसार इस बैंक की परिकल्पना ब्रिक्स देशों में ढांचागत और विकास परियोजनाओं के लिए कोष उपलब्ध कराने के लिए की गयी है. इसके जरिये विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष जैसे पश्चिमी देशों के नेतृत्व वाले संस्थानों के समक्ष संतुलन कायम करने में मदद मिलेगी. नव विकास बैंक के प्रबंधन में प्रत्येक देश की समान भागीदारी होगी चाहे उसका सकल घरेलू उत्पाद का आकार कितना भी हो.

Next Article

Exit mobile version