बैंक में खाता खोलने के लिए पते का वैध प्रमाण हैं बिजली और पानी का बिल

मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक ने आज कहा कि बैंकों या अन्य वित्तीय संस्थानों में खाता खोलने के लिए पोस्टपेड मोबाइल फोन, पाइप से ली जाने वाली रसोई गैस और पानी के बिल पते के प्रमाण के तौर पर जमा किये जा सकते हैं. आरबीआइ ने एक अधिसूचना में कहा, ‘जनोपयोगी सेवा (बिजली, टेलीफोन, पोस्टपेड […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 11, 2015 9:00 PM

मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक ने आज कहा कि बैंकों या अन्य वित्तीय संस्थानों में खाता खोलने के लिए पोस्टपेड मोबाइल फोन, पाइप से ली जाने वाली रसोई गैस और पानी के बिल पते के प्रमाण के तौर पर जमा किये जा सकते हैं. आरबीआइ ने एक अधिसूचना में कहा, ‘जनोपयोगी सेवा (बिजली, टेलीफोन, पोस्टपेड मोबाइल फोन, पाइप्ड गैस, पेयजल) के बिल जोकि दो महीने से ज्यादा पुराने नहीं हैं, पते के प्रमाण के सीमित उद्देश्य के लिए आधिकारिक तौर पर वैध दस्तावेज माने जाएंगे.’

सरकार ने पते के प्रमाण के लिए अतिरिक्त ढील देते हुए मनी लांडरिंग रोधी (रिकार्ड के रखरखाव) नियम, 2005 में संशोधन किया है. आरबीआइ ने कहा कि बैंक खाता या डाक घर बचत बैंक खाते का विवरण, सरकारी विभागों या पीएसयू द्वारा सेवानिवृत्त कर्मचारियों को जारी पेंशन या पारिवारिक पेंशन भुगतान आर्डर (पीपीओ) में यदि पते दिये गये हैं तो वे भी आधिकारिक तौर पर वैध दस्तावेज माने जाएंगे.

सरकार, नियामकीय संस्थाओं, सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों, बैंकों, वित्तीय संस्थानों और सूचीबद्ध कंपनियों द्वारा कर्मचारियों को जारी आवास आबंटन पत्र को भी आधिकारिक तौर पर वैध दस्तावेज की सूची में जोड दिया गया है. इसी तरह, दूसरे देशों के सरकारी विभागों द्वारा जारी दस्तावेजों व भारत में विदेशी दूतावास या मिशन द्वारा जारी दस्तावेज भी आधिकारिक तौर पर वैध दस्तावेज हैं.

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