मानसून कमजोर रहेगा तो ग्रामीण वृद्धि बुरी तरह प्रभावित होगी : एचएसबीसी

नयी दिल्ली : वैश्विक ब्रोकरेज कंपनी एचएसबीसी ने कहा है कि यदि बारिश सामान्य से कम रहती है, तो इसका ग्रामीण मांग व वृद्धि पर काफी अधिक असर होगा. उसने कहा है कि रिजर्व बैंक जून की मौद्रिक समीक्षा में संभवत: रेपो दर में 0.25 फीसद की कटौती कर सकता है. वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 24, 2015 7:31 PM

नयी दिल्ली : वैश्विक ब्रोकरेज कंपनी एचएसबीसी ने कहा है कि यदि बारिश सामान्य से कम रहती है, तो इसका ग्रामीण मांग व वृद्धि पर काफी अधिक असर होगा. उसने कहा है कि रिजर्व बैंक जून की मौद्रिक समीक्षा में संभवत: रेपो दर में 0.25 फीसद की कटौती कर सकता है.

वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी ने कहा है कि कमजोर मानसून की वृद्धि की रफ्तार व महंगाई दोनों प्रभावित होंगी. दोनों होने पर, ग्रामीण क्षेत्र की वृद्धि और अधिक बुरी तरह प्रभावित होगी.
एचएसबीसी के भारत में मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजल भंडारी ने एक अनुसंधान नोट में कहा, आपूर्ति के बेहतर प्रबंधन तथा वैश्विक स्तर पर कीमतों में कमी की वजह से खाद्य वस्तुओं की कीमतों के मोर्चे पर लाभ की स्थिति बनी है.
विशेषरुप से जल्द खराब होने वाली वस्तुओं का उत्पादन धीरे-धीरे बढने की वजह से भी इस बारे में स्थिति सुधरी है. नोट में कहा गया है कि बेमौसमी बारिश के प्रभाव की वजह से हम जून में नीतिगत दरों में चौथाई फीसद कटौती की उम्मीद कर रहे हैं.

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