फेस्‍टीवल के दौरान बैंकों में भी रहेगी छुट्टियों की भरमार

दुर्गापूजा से दिवाली तक की छुट्टियों भारतीय ट्रेडर्स के लिए काफी महंगी साबित हो सकती है. छुट्टियों के इस पीक सीजन में अक्‍टूबर के महीने में कुल सात दिनों तक बैंकों के बंद रहने की आशंका है. इस संभावना के कारण बाजार में खलबली मच गई है. अक्‍टूबर के पहले सप्‍ताह में दशहरा को लेकर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 25, 2014 12:54 PM

दुर्गापूजा से दिवाली तक की छुट्टियों भारतीय ट्रेडर्स के लिए काफी महंगी साबित हो सकती है. छुट्टियों के इस पीक सीजन में अक्‍टूबर के महीने में कुल सात दिनों तक बैंकों के बंद रहने की आशंका है. इस संभावना के कारण बाजार में खलबली मच गई है. अक्‍टूबर के पहले सप्‍ताह में दशहरा को लेकर दो दिन गजेटेड छुट्टी, दो दिन वीकेंड ऑफ, दो दिन इंटरनल वर्क और 1 दिन त्‍योहारी छुट्टी को लेकर कुल सात दिनों की लगातार छुट्टी है. इस छुट्टी को देखते हुए ट्रेड असोसियेसन ने अपने सारे ट्रांजेक्‍सन के काम 29 सितंबर तक करके पर्याप्‍त स्‍टॉक रखने को कहा है.

बैंकों ने 30 सितंबर और 1 अक्‍टूबर को हाफ ईयरली क्‍लोजिंग डे रखने की घोषणा कर दी है. इन दोनों दिन बैंकों के आंतरिक काम होंगे लेकिन बाकी काम नहीं हो सकेंगे. अक्‍टूबर में लगातार 7 दिनों की छुट्टी में 2 और 3 अक्‍टूबर को गांधी जयंती और दशहरा के अवसर पर बैंक बंद रहेंगे. वहीं अगले दिन शनिवार को भी बैंकों में आधे दिन ही काम होगा. अगले दिन रविवार की छुट्ठी होगी तो उसी दिन बकरीद होने के कारण सोमवार 6 अक्‍टूबर को छुट्टी होगी. इस तर‍ह कुल मिलाकर अक्‍टूबर के पहले सप्‍ताह में कुल मिलाकर 7 दिनों की छुट्टी रहेगी.

कन्‍फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के चेयरमैन बी सी भारतीया और जेनरल सेक्रेटरी प्रवीण खंडेलवाल ने इतनी लंबी अवधी के मद्देनजर बैंकों के बंद रहने के कारण ट्रेडर्स को 29 सितंबर तक बैंक के सारे ट्रांजेक्‍सन पूरा कर पर्याप्‍त स्‍टॉक रख लेने के लिए सर्कुलर जारी कर दिया है. उन्‍होने कहा यह व्‍यापार को लेकर काफी महत्‍वपूर्ण समय है. खंडेलवाल ने बताया कि उन्‍होंने यह सर्कुलर जारी करने से पहले बैंकों से इस बात की पुष्‍टी कर ली थी लेकिन छुट्टियों को लेकर किसी भी तरह के राहत के आसर नहीं नजर आ रहे हैं.

बैंकों की इतनी लंबी छुट्टी निश्चित तौर पर व्‍यापार को प्रभावित करेगी. जहां एक ओर व्‍यापारी दिनभर काम करने के बाद बंक में अपना पैसा जमा करने आते हैं, वहीं ज्‍वेलर्स भी अपने स्‍टॉक निकालने और जमा करने के लिए बैंको का ही सहारा लेते हैं. इसके अलावा थोक विक्रेताओं के चेक क्लियर ना हो पाने के कारण भी यी छुट्टियों का दिन उनके लिए कुछ मुश्किलों भरा हो सकता है्.

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