”आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए वैकल्पिक उपायों पर गौर करने की जरूरत”

नयी दिल्ली : नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा है कि सरकार को अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए राजकोषीय प्रोत्साहन के अलावा वैकल्पिक उपायों पर गौर करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सरकार के लिए राजकोषीय प्रोत्साहन देना संभव नहीं है. उन्होंने यह बात बजट से पहले कही है. कुमार ने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 30, 2020 9:17 PM

नयी दिल्ली : नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा है कि सरकार को अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए राजकोषीय प्रोत्साहन के अलावा वैकल्पिक उपायों पर गौर करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सरकार के लिए राजकोषीय प्रोत्साहन देना संभव नहीं है. उन्होंने यह बात बजट से पहले कही है.

कुमार ने यह भी कहा कि आर्थिक वृद्धि को गति देने वाले उपाय समय की जरूरत है. देश में 7 से 8 फीसदी सालाना वृद्धि दर हासिल करने की क्षमता है. उन्होंने मौजूदा नरमी के लिए कम निवेश, खपत व्यय में नरमी और निर्यात में कमी को जिम्मेदार ठहराया है. इस बात को लेकर विशेषज्ञ विभाजित हैं कि क्या सरकार को राजकोषीय घाटे की चिंता किये बिना धीमी पड़ती आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये प्रोत्साहन उपलब्ध कराना चाहिए?

कुमार ने नीति आयोग की पत्रिका अर्थनीति में कहा है कि भारत की आर्थिक वृद्धि की क्षमता 7-8 फीसदी सालाना है और वृद्धि को गति देने के लिए उपाय करना समय की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हालांकि, सरकार के लिए बड़े स्तर पर राजकोषीय प्रोत्साहन देने की बाधा है. इसीलिए वृद्धि बढ़ाने को लेकर ध्यान वैकल्पिक उपायों पर होना चाहिए.

नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि विनिर्माण और सेवाओं के परचेर्जिंग मैनेजर इंडेक्स (पीएमआई) से सुधार के कुछ संकेत दिख रहे हैं. यह 52 के ऊपर पहुंच गया है, जो विस्तार को बताता है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए हाल में कई उपाय किये हैं. इसमें कंपनी कर में कटौती शामिल है.

कुमार ने कहा कि शेयर बाजार पर इन उपायों का असर दिखा और बाजार रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा है. इसके बावजूद, अब सबकी निगाह 2020 के बजट पर है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2020-21 का बजट एक फरवरी को पेश करेंगी.

Next Article

Exit mobile version