मंत्रिमंडल का फैसला : बंद की जायेगी मात्र 88 कर्मचारियों वाली पेट्रोकेमिकल कंपनी एचएफएल

नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को सार्वजनिक क्षेत्र की हिंदुस्तान फ्लुरोकार्बन लिमिटेड (एचएफएल) को बंद करने की मंजूरी दे दी. इस कंपनी में केवल 88 कर्मचारी कार्यरत हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में इस आशय का निर्णय किया गया. आधिकारिक बयान के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 22, 2020 7:29 PM

नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को सार्वजनिक क्षेत्र की हिंदुस्तान फ्लुरोकार्बन लिमिटेड (एचएफएल) को बंद करने की मंजूरी दे दी. इस कंपनी में केवल 88 कर्मचारी कार्यरत हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में इस आशय का निर्णय किया गया.

आधिकारिक बयान के अनुसार, सीसीईए ने रसायन एवं पेट्रोरसायन विभाग के अंतर्गत आने वाले सार्वजनिक उपक्रम एचएफएल को बंद करने को मंजूरी दे दी है. एचएफएल 2013-14 से नुकसान में है और उसका नेटवर्थ घटकर नकारात्मक हो गया है. 31 मार्च, 2019 की स्थिति के अनुसार, कंपनी को 62.81 करोड़ रुपये का संचयी नुकसान हुआ और उसकी नेटवर्थ उसकी कुल देनदारी के मुकाबले 43.20 करोड़ रुपये कम है. यह पूर्ववर्ती औद्योगिक और वित्तीय निर्माण बोर्ड में बीमारू कंपनी के रूप में पंजीकृत थी.

बयान के अनुसार, कंपनी को बंद करने के लिए 77.20 करोड़ रुपये का समर्थन उपलब्ध कराया गया है. यह ब्याज मुक्त कर्ज है, जो एचएफएल की संबंधित देनदारी के निपटान के लिए है. देनदारी में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना का क्रियान्वयन, बकाया वेतन का भुगतान और वैधानिक बकाये का भुगतान शामिल हैं.

इसके अलावा, एसबीआई के कर्ज तथा एचएफल के कुछ कर्मचारियों को रखने को लेकर प्रशासनिक व्यय के भुगतान के लिए भी यह राशि दी गयी है. दो साल में कंपनी को बंद करने योजना लागू करने के प्रस्ताव को लागू करने के लिए कुछ कर्मचारियों को रखा जा रहा है. ब्याज मुक्त कर्ज का भुगतान जमीन और अन्य संपत्ति की बिक्री के जरिये किया जायेगा.

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