गडकरी ने कहा – भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य मुश्किल, मगर मुमकिन

इंदौर : केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को कहा कि देश को वर्ष 2024-25 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य हालांकि कठिन है, लेकिन घरेलू उत्पादन बढ़ाने और आयात पर निर्भरता घटाने जैसे कदमों से इसे हासिल किया जा सकता है. गडकरी ने यहां इंदौर मैनेजमेंट एसोसिएशन […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 18, 2020 7:12 PM

इंदौर : केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को कहा कि देश को वर्ष 2024-25 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य हालांकि कठिन है, लेकिन घरेलू उत्पादन बढ़ाने और आयात पर निर्भरता घटाने जैसे कदमों से इसे हासिल किया जा सकता है. गडकरी ने यहां इंदौर मैनेजमेंट एसोसिएशन के अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन सम्मेलन में कहा कि किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति बेहद महत्वपूर्ण है. ऐसी ही इच्छाशक्ति जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य तय किया है. यह लक्ष्य कठिन जरूर है, लेकिन असंभव नहीं है.

उन्होंने कहा कि हमारे देश में संसाधनों की प्रचुरता तो है ही, उत्पादन क्षमता भी बेहतर है. इसके बावजूद हम हर साल दवाओं, चिकित्सा उपकरणों, कोयला, तांबा, कागज आदि वस्तुओं के आयात पर करोड़ों रुपये खर्च कर रहे हैं. अगर हमें 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना है, तो हमें चीजों का आयात करने की बजाय इनका घरेलू उत्पादन बढ़ाना होगा.

आर्थिक सुस्ती की ओर इशारा करते हुए गडकरी ने कहा कि हम दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ रही अर्थव्यवस्था हैं, लेकिन कारोबार का एक चक्र होता है. कभी वैश्विक अर्थव्यवस्था के कारकों के चलते, तो कभी मांग और पूर्ति के अंतर या अन्य कारणों से अलग-अलग चुनौतियां आती हैं, लेकिन मैं युवा पीढ़ी के उन नेतृत्वकर्ताओं में हिंदुस्तान का भविष्य देखता हूं, जो मुश्किलों और चुनौतियों को अवसरों में बदल सकते हैं.

केंद्रीय मंत्री ने जोर देकर यह भी कहा कि देश में पूंजी, संसाधनों और तकनीक की कोई कमी नहीं है, लेकिन विभिन्न क्षेत्रों में सही नजरिये और नेतृत्व की कमी जरूर है. उन्होंने देश को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने को लेकर मोदी सरकार के महत्वाकांक्षी लक्ष्य की चर्चा करते हुए कहा कि विकास में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) की भागीदारी में इजाफे पर ध्यान केंद्रित करते हुए निर्यात को बढ़ावा दिया जायेगा और इस क्षेत्र में पांच करोड़ नये रोजगार पैदा करने में मदद मिलेगी. गडकरी ने कहा कि सरकार अपने हर विभाग से पूछ रही है कि वह देश को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को हासिल करने में क्या योगदान दे सकता है?

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