”सिर्फ पांच साल में 2,000 अरब डॉलर से 3,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला देश बना भारत”

वाशिंगटन : अमेरिका में भारत के राजदूत हर्ष वर्धन शृंगला ने कहा कि भारत को 2,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था से 3,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में केवल पांच साल लगे. उन्होंने भरोसा जताया कि देश आने वाले वर्षों में 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगा. उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 9, 2019 5:10 PM

वाशिंगटन : अमेरिका में भारत के राजदूत हर्ष वर्धन शृंगला ने कहा कि भारत को 2,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था से 3,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में केवल पांच साल लगे. उन्होंने भरोसा जताया कि देश आने वाले वर्षों में 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगा. उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यभार संभाला, उस समय भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में 11वीं बड़ी अर्थव्यवस्था थी. पांच साल में भारत पांचवीं या छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन गया.

शृंगला ने सेंट्रल पेन्सिलवेनिया के एशियाई-भारतीय अमेरिकियों के सालाना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री के नेतृत्व और राजनीतिक स्थिरता का परिणाम है. उन्होंने कहा कि आजादी के करीब 60 साल बाद देश 1,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सका. उसके बाद 2,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में 12 साल लगे. वहीं 3,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में केवल पांच साल (2014-19) लगा.

राजदूत ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 2024 तक भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है. इसका मतलब है कि अगले पांच साल में अर्थव्यवस्था के आकार में 2,000 अरब डॉलर का इजाफा होगा. उन्होंने यह भी कहा कि जल्दी ही हमारे पास दुनिया में सबसे उत्पादक कार्यबल होगा. शृंगला ने कहा कि भारत मात्र तीसरा देश है, जिसने मंगल पर उपग्रह भेजा और मिशन पर काम करने वाले वैज्ञानिकों की औसत आयु 29 साल थी.

उन्होंने कहा कि भारत ने दुनिया के देशों के साथ मजबूत संबंध विकसित किया है. भारत ने अपने पड़ोसी देशों के साथ रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए हाथ बढ़ाया है. राजदूत ने कहा कि भारत-अमेरिका के बीच मजबूत संबंध इसका उदाहरण है. उन्होंने कहा कि पिछले पिछले 10-15 साल में संबंध बहु-आयामी और व्यापक हुए हैं. अमेरिका आज भारत का न केवल सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है, बल्कि दोनों देशों के लोगों के बीच बेहतर रिश्ते हैं. शृंगला ने कहा कि इस संबंध को मजबूत बनाने में भारतीय-अमेरिकियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है.

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