पश्चिम बंगाल की भूमि अधिग्रहण नीति से नाखुश DVC की कोयला परियोजना अटकी

कोलकाता : सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) ने पश्चिम बंगाल सरकार की भूमि अधिग्रहण नीति को लेकर निराशा जतायी है. दरअसल, कंपनी बीरभूम जिले में एक कोयला खनन परियोजना के लिए करीब 3,600 एकड़ भूमि खरीदने का प्रयास कर रही है. डीवीसी के एक अधिकारी ने बताया कि नीति के अनुसार कंपनी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 26, 2019 8:27 PM

कोलकाता : सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) ने पश्चिम बंगाल सरकार की भूमि अधिग्रहण नीति को लेकर निराशा जतायी है. दरअसल, कंपनी बीरभूम जिले में एक कोयला खनन परियोजना के लिए करीब 3,600 एकड़ भूमि खरीदने का प्रयास कर रही है. डीवीसी के एक अधिकारी ने बताया कि नीति के अनुसार कंपनी को बाजार व्यवस्था के जरिये भू-स्वामियों से जमीन खरीदनी होगी, जबकि राज्य सरकार इस प्रक्रिया में सिर्फ सुविधाप्रदाता की भूमिका में रहेगी.

अधिकारी ने कहा कि यदि राज्य सरकार ने खागरा-जॉयदेब कोयला ब्लॉक परियोजना के लिए सीधे जमीन का अधिग्रहण किया होता, तो हम खनन गतिविधियां शुरू करने में हुई देरी से बच सकते थे. हमें सीधे भूमि स्वामियों से जमीन खरीदने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि, उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नीतिगत व्यवस्था के दायरे में सहयोग कर रही है.

अधिकारी ने कहा कि इस कोयला परियोजना से कंपनी को लागत कम करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में बिजली उत्पादक कंपनी को कोल इंडिया से ईंधन खरीदना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि हमने 2017 में खागरा-जॉयदेब रिसोर्स प्राइवेट लिमिटेड को डेवलपर और परिचालक के रूप में नियुक्त किया है. जब हम जमीन का अधिग्रहण करेंगे, तभी खनन गतिविधियां शुरू कर पायेंगे.

कंपनी सूत्रों ने कहा कि पिछले हफ्ते कीमत तय करने के लिए किसानों और डीवीसी अधिकारियों के बीच बैठक हुई थी, जो असफल रही. सूत्रों ने कहा कि डीवीसी ने बैठक में 14 लाख रुपये प्रति एकड़ के भाव का प्रस्ताव किया था, जिसे बैठक में शामिल लोगों ने खारिज कर दिया. दामोदर घाटी निगम के निदेशक मंडल ने कोयला ब्लॉक को विकसित करने के लिए 1,094 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी है.

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