सरकारी बैंकों में 70,000 करोड़ की पूंजी डालने से अर्थव्यस्था को मिलेगी रफ्तार

नयी दिल्ली : आम बजट 2019-20 में सरकारी बैंकों को 70,000 करोड़ रुपये की पूंजी दिये जाने का प्रस्ताव उनकी ऋण देने की स्थिति मजबूत करेगा. साथ ही यह समय से अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने में भी मदद करेगा. वैश्विक रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल ने अपने एक नोट में यह बात कही. इसे भी पढ़ें […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 8, 2019 3:08 PM

नयी दिल्ली : आम बजट 2019-20 में सरकारी बैंकों को 70,000 करोड़ रुपये की पूंजी दिये जाने का प्रस्ताव उनकी ऋण देने की स्थिति मजबूत करेगा. साथ ही यह समय से अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने में भी मदद करेगा. वैश्विक रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल ने अपने एक नोट में यह बात कही.

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उल्लेखनीय है कि सरकार ने शुक्रवार को पेश बजट में सरकारी बैंकों में 70,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालने का प्रस्ताव किया है. एसएंडपी ने ‘भारत का बजट : वित्तीय क्षेत्र में विश्वास की कमी को दूर करने का प्रयास’ शीर्षक नोट में कहा कि सरकार का यह कदम (सरकारी बैंकों में पूंजी डालना) से बैंकिंग क्षेत्र और अर्थव्यवस्था के लिए ऋण माहौल सुधारने वाला है.

एसएंडपी ग्लोबल में क्रेडिट एनालिस्ट गीता चुग ने कहा, ‘हमारा विश्वास है कि पूंजी डालने से सरकारी बैंकों को उनके कमजोर कॉरपोरेट ऋण में आवश्यक कांट-छांट करने में मदद मिलेगी. साथ ही यह उनकी पूंजी पर्याप्तता को भी बढ़ायेगा.’

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उन्होंने कहा कि सरकार के पूंजी डालने से कुछ बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक की त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई सूची से बाहर आने में मदद मिलेगी. इससे वह फिर से बाजार में ऋण बांट सकेंगे और अपनी खाता बही को साफ-सुथरा बना सकेंगे.

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