Kingfisher Airlines के विजय माल्या का Jet Airways के नरेश गोयल के प्रति उमड़ रहा प्रेम

लंदन : कर्ज के भार तले दबे होने के बाद रसातल में चले गये किंगफिशर एयरलाइन्स के मालिक और भारत के भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या का नकदी संकट से जूझ रहे जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल के प्रति प्रेम उमड़ रहा है. शराब कारोबारी विजय माल्या ने बुधवार को जेट एयरवेज के संस्थापक […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 17, 2019 4:26 PM

लंदन : कर्ज के भार तले दबे होने के बाद रसातल में चले गये किंगफिशर एयरलाइन्स के मालिक और भारत के भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या का नकदी संकट से जूझ रहे जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल के प्रति प्रेम उमड़ रहा है. शराब कारोबारी विजय माल्या ने बुधवार को जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल के साथ एकजुटता प्रकट की. इसके साथ ही उन्होंने भारतीय बैंकों से लिये गये ऋण को लौटाने की अपनी पेशकश भी दोहरायी.

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करीब 9,000 करोड़ रुपये की वित्तीय धोखाखड़ी एवं धनशोधन के आरोपों का सामना कर रहे कारोबारी ने दावा किया कि भारत सरकार निजी विमानन कंपनियों के साथ भेदभाव कर रही है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया को सहायता राशि दी, जबकि किंगफिशर एयरलाइन और अब जेट एयरवेज को संकट से उबारने में सरकार ने मदद नहीं की.

माल्या ने ट्वीट किया कि हालांकि एक समय में जेट एयरवेज और किंगफिशर एयरलाइंस की बड़ी प्रतिद्वंद्वी हुआ करती थी, लेकिन इस समय एक बड़ी एयरलाइन को विफलता के कगार पर पहुंचता देख मुझे दुख हो रहा है. सरकार ने एयर इंडिया को संकट से उबारने के लिए 35,000 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी. पीएसयू होना भेदभाव का आधार नहीं हो सकता.

उन्होंने कहा कि मैंने किंगफिशर में काफी अधिक निवेश किया. वह एयरलाइन तेजी से बढ़ी और भारत की सबसे बड़ी और सबसे अधिक पुरस्कृत एयरलाइन बन गयी. ये सच है कि किंगफिशर ने सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों से भी कर्ज लिया. मैंने 100 फीसदी कर्ज लौटाने की पेशकश की. इसके बावजूद मुझ पर आपराधिक आरोप लगाये जा रहे हैं.

किंगफिशर एयरलाइन के पूर्व प्रमुख ने मीडिया पर भी हमला बोलते हुए दावा किया कि वह जब भी सरकारी बैंकों को पैसा लौटाने की बात करते हैं, तो मीडिया में ऐसी खबरें चलने लगती हैं कि वह ब्रिटेन से भारत में प्रत्यर्पित किये जाने से ‘डर’ गये हैं. उन्होंने सवाल किया कि मैं लंदन में रहूं या भारत की किसी जेल में, मैं रुपये लौटाने को तैयार हूं. बैंक मेरी पेशकश के बावजूद रुपये क्यों नहीं ले रहे हैं.

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