एफडीआई नीतियों में बदलाव से नहीं हिला भारत को लेकर वालमार्ट का भरोसा

नयी दिल्ली : खुदरा क्षेत्र की दिग्गज अमेरिकी कंपनी वॉलमार्ट भारत में ई – कॉमर्स कंपनियों के लिए एफडीआई नीति में किये गये हालिया बदलावों को लेकर " निराश " है. उसने आगे चलकर सहयोगात्मक नियामकीय प्रक्रिया की उम्मीद जतायी है , जिससे विदेशी कंपनियों को प्रतिस्पर्धा के लिए बराबरी का मौका मिलेगा. कंपनी ने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 20, 2019 1:26 PM

नयी दिल्ली : खुदरा क्षेत्र की दिग्गज अमेरिकी कंपनी वॉलमार्ट भारत में ई – कॉमर्स कंपनियों के लिए एफडीआई नीति में किये गये हालिया बदलावों को लेकर " निराश " है. उसने आगे चलकर सहयोगात्मक नियामकीय प्रक्रिया की उम्मीद जतायी है , जिससे विदेशी कंपनियों को प्रतिस्पर्धा के लिए बराबरी का मौका मिलेगा.

कंपनी ने कुछ ही समय पहले घरेलू ई – वाणिज्य कंपनी फ्लिपकार्ट में 16 अरब डॉलर निवेश किया है. वॉलमार्ट ने कहा कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के नियमों में बदलाव भारतीय बाजार को लेकर उसके भरोसे और उत्साह को नहीं हिला पाया है. साथ ही वह देश में ई – वाणिज्य क्षेत्र में अवसरों को लेकर सकारात्मक है.

वॉलमार्ट इंक के अध्यक्ष , मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक सी डगलस मैकमिलन ने विश्लेषकों को बताया , " भारत में , बाजार के आकार , खुदरा क्षेत्र में ई – वाणिज्य की कम पैठ और जिस गति से ई – वाणिज्य बाजार बढ़ रहा है , उसे देखते हुए ई – वाणिज्य अवसरों को लेकर हमारा रुख सकारात्मक है."

नियामकीय बदलावों को लेकर मैकमिलन ने कहा , " भारत में नियमों में जो बदलाव हुए उनसे हम कुछ निराश जरूर हैं लेकिन यह हमारे भरोसे और उत्साह को हिला नहीं पाया है. भारतीय बाजार को लेकर कंपनी की प्रतिबद्धता लंबी अवधि के लिए है। यह कोई एक तिमाही या फिर एक साल के लिए नहीं है. " उन्होंने कहा , " भविष्य में , हम सरकार के साथ मिलकर ई – वाणिज्य उद्योग को बढ़ाने वाली नीतियों पर काम करने की उम्मीद करते हैं। यह नीतियां इस नए उद्योग और घरेलू निर्माताओं , किसानों और आपूर्तिकर्ताओं को समृद्ध करने में मदद करेगा."

उल्लेखनीय है कि सरकार ने विदेशी निवेश वाली ई – कॉमर्स कंपनियों के लिए नियमों को कड़े करते हुए अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों को उन कंपनियों के उत्पाद बेचने से रोक लगायी थी , जिनमें उनकी हिस्सेदारी है. इसके अलावा और भी कई नियमों में बदलाव किए गए हैं। ये नियम एक फरवरी से लागू हैं.

Next Article

Exit mobile version