कैपिटल मार्केट में निवेश के लिए शेयर का चयन कैसे करें

शशांक भारद्वाज, वाइस प्रेसीडेंट, च्वाइस ब्रोकिंग यूं तो शेयर बाजार में उतार चढ़ाव होते रहता है. यह उसकी प्रकृति है, पर इन दिनों यह उतार चढ़ाव भारत के शेयर बाजार में कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है. इसके कई कारण हैं, जैसे आगामी लोकसभा का चुनाव, बनते बिगड़ते राजनीतिक समीकरण, राजनीतिक ऊंट की करवट, आर्थिक […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 18, 2019 6:24 AM
शशांक भारद्वाज, वाइस प्रेसीडेंट, च्वाइस ब्रोकिंग
यूं तो शेयर बाजार में उतार चढ़ाव होते रहता है. यह उसकी प्रकृति है, पर इन दिनों यह उतार चढ़ाव भारत के शेयर बाजार में कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है. इसके कई कारण हैं, जैसे आगामी लोकसभा का चुनाव, बनते बिगड़ते राजनीतिक समीकरण, राजनीतिक ऊंट की करवट, आर्थिक गतिविधियां आदि. ये कारक तो रहेंगे ही. कभी ये नहीं रहे तो कई दूसरे कारक रहेंगे, शेयर बाजार विभिन्न कारकों से अछूता नहीं रह सकता और उन पर प्रतिक्रिया देता रहेगा. ऐसे में निवेश के लिए शेयरों के चयन के मापदंड क्या हो, यह एक यक्ष प्रश्न है.
शायरों में निवेश के लिए अनेकों आयाम हैं. इनमें सबसे महत्वपूर्ण है किसी कंपनी का मैनेजमेंट. मैनेजमेंट की गुणवत्ता व शक्ति उस कंपनी के प्रदर्शन पर काफी प्रभाव डालती है.
यहां यह ध्यान रखें कि शेयर के मूल्य उस कंपनी के प्रदर्शन पर निर्भर करता है. अब अगर मैनेजमेंट अच्छा हो, तो वह कंपनी की अच्छी परिस्थितियों में तो अच्छा प्रदर्शन करता ही हैं, खराब स्थितियों में भी चीजों को संभाल कर रखने, आपात योजनाएं बनाने में सक्षम होता है. इससे कंपनियां अच्छे दिनों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करती है और बुरे दिनों में अपने अस्तित्व को बचाने में सफल रहती है. इससे शेयर धारकों का हित सुरक्षित रहता है और उन्हें अच्छा लाभ प्राप्त होता है.
इस संबंध में फोर्ड की एक प्रसिद्ध उक्ति है,आओ मेरा सब कुछ ले लीजिए पर मेरे पांच अच्छे लोग मुझे दे दीजिए. मैं फिर से हेनरी फोर्ड ही जाऊंगा. इसलिए अच्छा मैनेजमेंट किसी कंपनी के शेयर में निवेश का सबसे महत्वपूर्ण कारक होता है.
अगला महत्वपूर्ण कारक है कंपनी की वित्तीय स्थिति. अच्छी वित्तीय स्थिति कंपनी के लिए आवश्यक संसाधन जुटाती है. आये नये अवसर और उनका लाभ सुनिश्चित करती है. जिन कंपनियों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होती, उनके डूब जाने का भय होता है. इसलिए निवेश के पूर्व कंपनी की वित्तीय स्थिति का आकलन आवश्यक होता है.
भारत एक ऊंची ब्याज दरों वाली अर्थव्यस्था का राष्ट्र है. ऐसे में किसी शेयर का निवेश हेतु चयन के समय उसकी कंपनी पर ऋण भार और कंपनी की ब्याज चुकाने की क्षमता महत्वपूर्ण हो जाती है. अभी कुछेक कंपनियों के शेयर के भाव रसातल में चले गये हैं क्योंकि इन पर काफी अधिक कर्ज था और ये ब्याज चुकाने में असमर्थ होती जा रही थी. इसलिए अधिक ऋण भार वाली कंपनियों में निवेश से बचना चाहिए .
यह भी देखें कि कंपनी के कार्यक्षेत्र का भविष्य कैसा है. आनेवाले दिनों में वृद्धि दर कैसी रहेगी. कंपनी की प्रतिस्पर्धा की क्षमता कितनी है आदि. अच्छे भविष्य की संभावना वाली कंपनियों के शेयर ही अच्छा प्रदर्शन करते है.
इसके अतिरिक्त शेयर का टेक्निकल ट्रेंड, तरलता, वैश्विक स्थितियां, कच्चे तेल और बाॅन्ड यील्ड आदि भी भारतीय शेयर बाजार और किसी शेयर विशेष के वर्तमान और भविष्य के मूल्यों को प्रभावित करते हैं.
हां, इतना जरूर है कि शेयरों का चयन उससे संबंधित विभिन्न कारकों का समुचित अध्ययन और विश्लेषण के पश्चात ही करना चाहिए. कहा भी गया है कि अच्छा चयन ही अच्छे परिणाम देता है और यह शेयर के चयन में भी लागू होता है.

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