अब नहीं रुलायेगा प्याज?

नयी दिल्ली : प्याज की कीमत जनता को रूला रही है. इसके मूल्य को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने आज प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) 300 डालर प्रति टन करने का फैसलाकियाहै. सरकार के इस फैसले का कारण यह है कि इसके निर्यात को नियंत्रित किया जा सके जिससे खुदरा मूल्य पर काबू […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 17, 2014 7:09 PM

नयी दिल्ली : प्याज की कीमत जनता को रूला रही है. इसके मूल्य को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने आज प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) 300 डालर प्रति टन करने का फैसलाकियाहै. सरकार के इस फैसले का कारण यह है कि इसके निर्यात को नियंत्रित किया जा सके जिससे खुदरा मूल्य पर काबू पाया जा सके. देश के हर कोने में लोग प्याज के आंसू रो रहे हैं. राजधानी दिल्ली में इन दिनों प्याज 25-30 रुपये प्रति किलोग्राम हो गये हैं जोकि पंद्रह दिन पहले 15 से 20 रुपये थी. कांग्रेस की सरकार में प्याज की कीमत बढ़ने पर बीजेपी ने काफी हंगामा किया था.

क्या है एमईपी

न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) वह दर होती है जिसके नीचे निर्यात की अनुमति नहीं है. इस नीति को फिर से लागू किया गया है जबकि सिर्फ तीन महीने पहले मार्च में पिछली सरकार ने इसे खत्म किया था. वाणिज्य मंत्री ने एक अधिसूचना में कहा कि प्याज की हर किस्म के निर्यात पर 300 डालर प्रति दिन का एमईपी लगेगा. उपभोक्ता मामले सचिव केशव देसिराजू ने प्रधानमंत्री कार्यालय में ‘खाद्य मुद्रास्फीति से निपटने के उपाय’ के संबंध में आयोजित बैठक के बाद कहा ‘‘वाणिज्य मंत्रालय ने प्याज निर्यात पर नियंत्रण के लिए इसका 300 डालर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य :एमईपी: रखा है.’’ सब्जी-फल और अनाज जैसे आवश्यक खाद्य पदार्थों की बढती कीमत के कारण थोकमूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति मई में पांच महीने के उच्च स्तर 6.01 प्रतिशत पर आ गई.

देश से होता है औसतन 15 लाख टन प्याज का निर्यात
देश से औसतन 15 लाख टन प्याज का निर्यात होता है. देसिराजू ने कहा ‘‘एमईपी से घरेलू आपूर्ति बढाने और कीमत को काबू में करने में मदद मिलने की संभावना है.’’देसिराजू ने कहा कि उपभोक्ता मामले के विभाग जो खाद्य उत्पादों के खुदरा और थोकमूल्य की निगरानी करता है, ने प्याज की मूल्य बढोतरी के संबंध में चिंता जाहिर की है और उसने मूल्य नियंत्रण के लिए तुरंत पहल करने का सुझाव दिया है. उन्होंने कहा ‘‘प्याज की कीमत बहुत अधिक नहीं बढी है लेकिन हमें सावधान रहना है और सरकार सतर्क है.’’ सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव ने खाद्य मुद्रास्फीति से निपटने के लिए विभिन्न विभागों द्वारा उठाए गए कदमों पर चर्चा की.इस बैठक में कृषि, उपभोक्ता मामले और वाणिज्य मंत्रलय के सचिव मौजूद थे. केंद्र ने 2013 में प्याज पर एमईपी लगाया था और इसके बाद खुदरा कीमत पर लगाम लगाने के लिए कई बार इसे बढाया गया था क्योंकि देश के कई प्रमुख इलाकों में प्याज की कीमत 100 रपए प्रति किलो पर पहुंच गई थी. भारत ने प्याज का आयात तक किया था. देश में सालाना करीब 1.7-1.8 करोड टन प्याज का उत्पादन होता है. पिछले वित्त वर्ष के दौरान देश से 13.58 लाख टन प्याज का निर्यात किया था जबकि इससे पिछले साल 18.22 लाख टन निर्यात किया था.

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