डीबीएस की रिपोर्ट : भारत के बैंकिंग क्षेत्र में सुधार के आसार, स्वस्थ स्तर पर आने में लगेगा लंबा वक्त

सिंगापुर : वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी डीबीएस ने कहा कि भारत के बैंकिंग क्षेत्र में सुधार के संकेत दिख रहे हैं, लेकिन बुनियादी आधार अभी भी कमजोर बना हुआ है और इसे ‘स्वस्थ स्तर’ पर आने में लंबा वक्त लगेगा. डीबीएस ने शुक्रवार को अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि हालिया दो तिमाही में भारतीय […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 9, 2018 4:36 PM

सिंगापुर : वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी डीबीएस ने कहा कि भारत के बैंकिंग क्षेत्र में सुधार के संकेत दिख रहे हैं, लेकिन बुनियादी आधार अभी भी कमजोर बना हुआ है और इसे ‘स्वस्थ स्तर’ पर आने में लंबा वक्त लगेगा. डीबीएस ने शुक्रवार को अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि हालिया दो तिमाही में भारतीय बैंकों की आमदनी में सुधार के संकेत दिखे हैं. उनकी परिसंपत्तियों की गुणवत्ता भी हल्की बेहतर हुई है.

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रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकतर बैंकों का सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) कम हुई हैं और नया एनपीए कम बढ़ा है. कुछ बैंकों की परिसंपत्ति गुणवत्ता आने वाली तिमाहियों में और बेहतर होने की भी संभावना है. जून-सितंबर तिमाही में देश के दो प्रमुख बैंक, भारतीय स्टेट बैंक और आईसीआईसीआई बैंक फिर से लाभ की स्थिति में आये हैं, जबकि इससे पहली तिमाहियों में वे नुकसान में थे. कर्ज की कम लागत से बैंकों के मुनाफे को समर्थन मिला है.

डीबीएस ने अपनी शोध रिपोर्ट में कहा कि हमारे नमूनों में सकल एनपीएल का अनुपात 10 फीसदी से ऊपर बना हुआ है, जबकि उनका पूंजीकरण सिर्फ पर्याप्त स्तर पर बना हुआ है. हमारा अनुमान है कि सरकार समय-समय पर इक्विटी के माध्यम से पैसा डालकर बैंकों में पूंजी के स्तर को बनाये रखेगी.

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