HPCL ने एक बार फिर ONGC को नहीं दी प्रवर्तक कंपनी का मान्यता

नयी दिल्ली : तेल रिफाइनरी कंपनी हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने अपनी बहुलांश शेयरधारक तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) को एक बार फिर प्रवर्तक कंपनी के रूप में मान्यता नहीं दी है. हालांकि, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान लगातार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि एचपीसीएल को ओएनजीसी को अपनी प्रवर्तक के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 31, 2018 9:23 PM

नयी दिल्ली : तेल रिफाइनरी कंपनी हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने अपनी बहुलांश शेयरधारक तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) को एक बार फिर प्रवर्तक कंपनी के रूप में मान्यता नहीं दी है. हालांकि, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान लगातार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि एचपीसीएल को ओएनजीसी को अपनी प्रवर्तक के रूप में मान्यता देनी चाहिए.

इसे भी पढ़ें : एचपीसीएल में सरकार की हिस्सेदारी ओएनजीसी को बेचने की मंजूरी

शेयर बाजारों को सितंबर अंत में भेजी कंपनी की शेयरधारिता सूचना में एचपीसीएल ने ‘भारत के राष्ट्रपति’ को शून्य हिस्सेदारी के साथ अपना प्रवर्तक बताया है. ओएनजीसी ने इसी साल एचपीसीएल में सरकार की समूची 51.11 फीसदी हिस्सेदारी 36,915 करोड़ रुपये में खरीदी है. ओएनजीसी को 77.88 करोड़ शेयरों या 51.11 फीसदी हिस्सेदारी के साथ कंपनी को ‘सार्वजनिक शेयरधारक’ के रूप में दर्शाया गया है.

इस बारे में एचपीसीएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक एमके सुराना से संपर्क करने की कोशिश की गयी, लेकिन उनसे बात नहीं हो पायी. ओएनजीसी ने इस अधिग्रहण के लिए 24,876 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था, जिसकी वजह से सरकार 2017-18 में अपने विनिवेश लक्ष्य को हासिल कर पायी थी. ओएनजीसी ने एचपीसीएल द्वारा उसे प्रवर्तक के रूप में मान्यता नहीं देने पर नाराजगी जतायी है.

ओएनजीसी ने इस संबंध में कुछ माह पूर्व एचपीसीएल को कड़ा पत्र भी लिखा था. बहुलांश शेयरधारक को प्रवर्तक नहीं मानने पर नियामकीय कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी. हालांकि, एचपीसीएल अपनी बात पर अड़ी है.

Next Article

Exit mobile version