माल्या भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित होंगे या नहीं? 30 अक्टूबर को आयेगा अदालत का आदेश

मुंबई : शराब कारोबारी विजय माल्या की याचिका पर शहर की अदालत 30 अक्टूबर को अपना आदेश सुना सकती है. याचिका में उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय द्वारा शुरू की गयी कार्रवाई पर रोक लगाने का आग्रह किया है. विशेष अदालत ने इस संदर्भ में शुक्रवार को माल्या के वकील […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 26, 2018 8:52 PM

मुंबई : शराब कारोबारी विजय माल्या की याचिका पर शहर की अदालत 30 अक्टूबर को अपना आदेश सुना सकती है. याचिका में उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय द्वारा शुरू की गयी कार्रवाई पर रोक लगाने का आग्रह किया है. विशेष अदालत ने इस संदर्भ में शुक्रवार को माल्या के वकील और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के वकीलों की दलीलों को सुना. उसके बाद आदेश 30 अक्टूबर तक के लिए सुरक्षित रख लिया.

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ईडी ने अपनी याचिका में आग्रह किया है कि फिलहाल लंदन में रह रहे माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी (एफईओ) घोषित किया जाये तथा उसकी संपत्ति जब्त की जाये एवं नये एफईओ कानून के प्रावधानों के तहत उसे केंद्र सरकार के नियंत्रण में लाया जाये. हालांकि, माल्या के वकील अमित देसाई ने अदालत से मनी लाड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए) मामले में ईडी की याचिका पर सुनवाई 26 नवंबर तक टाले जाने का आग्रह किया.

देसाई ने अदालत से कहा कि इस महीने की शुरुआत में मनी लांड्रिंग मामले में अपीलीय न्यायाधिकरण ने ईडी से माल्या की संपत्ति के संदर्भ में 26 नवंबर तक यथास्थिति बनाये रखने को कहा. न्यायाधिकरण उसी दिन मामले की आगे की सुनवाई करेगा. वकील के अनुसार, माल्या कर्जदाताओं का पैसा लौटाने को लेकर गंभीर हैं और उन्होंने पूर्व कर्मचारियों को भी लंबित वेतन और बकाये का भुगतान किया है.

वहीं, ईडी के वकील डीपी सिंह ने अदालत से कहा कि देसाई की दलील का मकसद केवल इतना सुनिश्चित करना है कि माल्या को देश की अदालत में कार्यवाही का सामना नहीं करना पड़े. उन्होंने कहा कि माल्या का कर्ज लौटाने या भारत आने का काई इरादा नहीं है. सिंह ने कहा कि माल्या को स्वदेश वापस लाने का एकमात्र तरीका उसे एफईओ घोषित करना है.

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