SBI खाताधारक ने की एक अंक की गलती, लग गयी 49500 रुपये की चपत! जानें पूरा मामला

दिन पर दिन उन्नत होती तकनीक हमारे लिए जितनी फायदेमंद और आरामदायक है, उसके इस्तेमाल में की गयी छोटी सी लापरवाही जिंदगी भर के लिए अफसोस का सबब भी बन सकती है. जी हां, कुछ ऐसा ही ‘हादसा’कर्नाटकके कलबुर्गी में रहनेवाले महेंद्र कुमार यमनप्पा के साथ हो गया. भारतीय स्टेट बैंक के कलबुर्गी ब्रांच के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 23, 2018 9:58 AM

दिन पर दिन उन्नत होती तकनीक हमारे लिए जितनी फायदेमंद और आरामदायक है, उसके इस्तेमाल में की गयी छोटी सी लापरवाही जिंदगी भर के लिए अफसोस का सबब भी बन सकती है. जी हां, कुछ ऐसा ही ‘हादसा’कर्नाटकके कलबुर्गी में रहनेवाले महेंद्र कुमार यमनप्पा के साथ हो गया.

भारतीय स्टेट बैंक के कलबुर्गी ब्रांच के खाताधारक यमनप्पा ने बैंक अकाउंट में एक गलत नंबर लिखने की वजह से 49500 रुपये गंवा दिये. दरअसल, यमनप्पा ने SBI की कैश डिपॉजिट मशीन (CDM) का इस्तेमाल करते हुए 49500 रुपये जमा किये. लेकिन, उन्होंने एक छोटी सी गलती कर दी.

जिस खाता में उन्हें पैसे डालने थे, कैश डिपॉजिट मशीनमें उसका नंबर डालने में उन्होंने 0 की जगह 8 फीड कर दिया. बस फिर क्या था! यमनप्पा को 49500 रुपये का नुकसान हो गया. यह रकम उनके लिए सालभर की बचत के बराबर थी.

कैश डिपॉजिट मशीन में डाले गये पैसे जब यमनप्पा के खाते में नहीं पहुंचे, तो यमनप्पा ने पहले कलबुर्गीस्थित SBI होम ब्रांच में शिकायत की. बैंक की ओर से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर यमनप्पा ने उपभोक्ता अदालत का रुख किया.

यह है पूरा मामला
महेंद्र कुमार यमनप्पा ने 18 जुलाई 2017 को कर्नाटक के कलबुर्गी में कैश डिपॉजिट मशीन की मदद से अपने सेविंग अकाउंट में पैसे डाले. पैसे ट्रांसफर करने के दो दिन बाद भी जब खाते में रकम नहीं पहुंची, तो उन्होंने अपने होम ब्रांच में शिकायत दर्ज करायी.

पहली बार ब्रांच ने जांच की बात कही. दूसरी बार यमनप्पा ने शिकायत की, तो बैंक ने 30 अगस्त को जवाब भेजा. बैंक का जवाब आने से पहले ही यमनप्पा ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवा दी थी. उन्हें डर था कि कहीं उनका बैंक अकाउंट हैक न हो गया हो.

जब मामले की जांच हुई, तो पता चला कि यमनप्पा ने कैश डिपॉजिट मशीन में अपना अकाउंट नंबर ही गलत डाला था. उन्होंने 0 कीजगह पर 8 फीड किया था, इसलिए डिपॉजिट किया हुआ उनका पूरा पैसा तेलंगाना के आदिलाबाद में रहनेवाले खान शबाब के अकाउंट में ट्रांसफर हो गया.

मजे की बात तो यह है कि जब शबाब को पता चला कि उनके बैंक खाता में कहीं से पैसे ‘उड़ते-उड़ते’ आ गये हैं,तो उसने अपने खाता से सारे पैसेनिकालनेमें जरा भी देर नहींकी.

उपभोक्ता अदालतमें बैंक की ओर से दावा किया गया कि यमनप्पा की शिकायत पर उन्होंने शबाब का बैंक खाता जिस आदिलाबाद ब्रांच में है, उसे लिखित शिकायत कर रकम वापसी के लिए आवेदन भी लिखा था, लेकिन कैश की वापसी नहीं हो सकी.

यमनप्पा अपना मामला 28 नवंबर 2017 को जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम लेकर गये. तमाम कार्यवाही के बाद 5 जून 2018 को अदालत ने इसे मानवीय गलती करार दिया और कहा कि इसमें बैंक की कोई गलती नहीं है.

बैंक ने दलील दी कि यमनप्पा ने कैश डिपॉजिट मशीन में गलत खाता संख्या डाल दी थी, इसलिए उनके पैसे शबाब के खाते में चले गये. इसपर अदालत ने बैंक से कहा कि वह यमनप्पा के पैसे लौटाने की कोशिश करें. इसके साथ ही कोर्ट ने इसे मानवीय गलती करार दिया और कहा कि इसमें बैंक की कोई गलती नहीं है.

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