कांग्रेस महाधिवेशन में भाजपा पर आरोप, मोदी सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को कर दिया तबाह

नयी दिल्ली : कांग्रेस ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर देश की अर्थव्यवस्था को तबाह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि नोटबंदी एवं जीएसटी को जल्दबाजी में लागू करने से आम आदमी, युवाओं, किसानों और उद्योगों की समस्याएं बहुत बढ़ गयी हैं. कांग्रेस के 84वें महाधिवेशन के दूसरे दिन पार्टी के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 18, 2018 4:53 PM

नयी दिल्ली : कांग्रेस ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर देश की अर्थव्यवस्था को तबाह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि नोटबंदी एवं जीएसटी को जल्दबाजी में लागू करने से आम आदमी, युवाओं, किसानों और उद्योगों की समस्याएं बहुत बढ़ गयी हैं. कांग्रेस के 84वें महाधिवेशन के दूसरे दिन पार्टी के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम द्वारा आज पेश आर्थिक प्रस्ताव में यह बात कही गयी.

पार्टी ने अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के लिए इस प्रस्ताव में कई सुझाव भी दिये हैं. इनमें कहा गया है कि आर्थिक उत्पीड़न, कर आतंकवाद तथा कठोर नियमनों के बिना आर्थिक मौकों के जरिये सबकी समृद्धि की जानी चाहिए. प्रस्ताव में कहा गया है, ‘नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली राजग सरकार का शासनकाल गलतियों, कुप्रबंधन और खराब जोखिमों से भरपूर रहा है. उसकी सबसे भारी विफलता अर्थव्यवस्था का कुप्रबंधन रहा है.’

पार्टी ने कहा कि मोदी सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की नीचे आयी कीमतों, मजबूत वैश्विक आर्थिक विकास और लोकसभा में पूर्ण बहुमत से मिले बहुमूल्य मौकों को गंवा दिया है. पार्टी ने आरोप लगाया, ‘अर्थव्यवस्था अज्ञानी एवं अक्षम नीति निर्माताओं के हाथों में है, जिन्होंने नोटबंदी तथा त्रुटियों से भरी माल एवं सेवा कर प्रणाली को जल्दबाजी में लागू करने जैसी लापरवाहीपूर्ण एवं विचित्र नीतियों के कारण आर्थिक विकास को पटरी से उतार दिया है.’

पार्टी ने अपनी और भगवा पार्टी की आर्थिक नीतियों की भी इसमें तुलना की है. कांग्रेस ने कहा​कि भाजपा का आर्थिक दर्शन भारत के आकार, कदम एवं विविधता पर आंखें मूंदे हुए है तथा यह केवल एक के कृत्रिम सिद्धांत पर आधारित है. कांग्रेस पार्टी का आर्थिक दृष्टिकोण भारत की विविध और संघीय ढांचे को स्वीकार करता है.’

पार्टी ने मोदी सरकार के नवंबर 2016 में किये गये नोटबंदी के फैसले को हाल के भारत का बहुत ही खराब ढंग से सोचा गया और लापरवाही भरा आर्थिक जोखिम बताया. पार्टी ने कहा कि इससे न तो काला धन समाप्त हुआ और न ही इसने कैशलेस समाज के लक्ष्य को हासिल किया. जीएसटी को जल्दबाजी में लागू करने का विरोध करते हुये प्रस्ताव में कहा गया कि मोदी सरकार द्वारा लागू जीएसटी एक बेहद जटिल कर प्रणाली है तथा यह सहयोगात्मक संघवाद के सिद्धांत के विरूद्ध है.

कांग्रेस ने सरकार पर देश की बैंकिंग प्रणाली को तबाह करने का भी आरोप लगाया. पार्टी ने कहा कि संप्रग सरकार के शासनकाल में जितने ऋण माफ किये गये, उसकी तुलना में पिछले तीन साल में चार गुना से अधिक ऋण माफ किये गये. पिछले तीन साल में 4.5 लाख करोड़ रुपये के कॉरपोरेट ऋण माफ किये गये.

पार्टी ने कहा कि जिन बैंकों में लोग भरोसे के साथ अपना धन रखते हैं, उन्हीं बैंकों को विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चोकसी एवं जतिन मेहता जैसे लोगों को निर्भयता से लूटने दिया गया. पार्टी ने आरोप लगाया कि ऐसे लोगों को सत्ता में बैठे लोगों की साठगांठ से भाग जाने दिया गया. पार्टी ने सार्वजनिक क्षेत्र, बढ़ती असमानता, कृषि क्षेत्र के संकट, निर्यात में आयी गिरावट, सामाजिक क्षेत्र की अनदेखी, बढ़ती बेरोजगारी तथा सत्तारूढ़ दल द्वारा किये गये विभिन्न वादों को पूरा नहीं करने के कारण सरकार को आड़े हाथ लिया.

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