किसान भार्इ सावधान! अगले साल से 50 किलो की जगह 45 किलो मिलेगा यूरिया, जानिये क्यों…?

नयी दिल्ली : सरकार सब्सिडी वाले उर्वरक यूरिया की बिक्री अगले साल से 50 किलोग्राम के बजाय 45 किलोग्राम के बैग में करेगी. उर्वरक मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यूरिया के 45 किग्रा के बैग की बिक्री 245 रुपये (और विभिन्न करों के साथ मिलाने के बाद) पर की जायेगी, जो 50 […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 23, 2017 10:48 PM

नयी दिल्ली : सरकार सब्सिडी वाले उर्वरक यूरिया की बिक्री अगले साल से 50 किलोग्राम के बजाय 45 किलोग्राम के बैग में करेगी. उर्वरक मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यूरिया के 45 किग्रा के बैग की बिक्री 245 रुपये (और विभिन्न करों के साथ मिलाने के बाद) पर की जायेगी, जो 50 किग्रा के यूरिया के बैग के लिए 268 रुपये (इसके अतिरक्त विभिन्न करों को मिलाकर) से कहीं कम है.

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उन्होंने बताया कि योजना तैयार की जा रही है. कंपनियां इस परिवर्तन के लिए तैयार हैं. वे 45 किग्रा बैग होने की छपाई करेंगे. इसे अगले वर्ष से लागू किया जायेगा. उन्होंने कहा कि असल उद्देश्य यूरिया की खपत को कम करना तथा उर्वरकों के संतुलित इस्तेमाल को प्रोत्साहित करना है.

चूंकि, यूरिया अन्य उर्वरकों से सस्ता है. इसलिए व्यापक तौर पर इसका इस्तेमाल करते हैं. सरकार की ओर से इसको काफी सब्सिडी प्राप्त होती है तथा इसकी अधिकतम खुदरा कीमत अब 5,360 रुपये प्रति टन की है.

अधिकारी ने ब्योरा दिया कि यूरिया की खपत को घटाने के लिए हमने विभिन्न उपायों के बारे में सोचा. नीत लेपित यूरिया उनमें से एक था, जो हमने लागू किया है. अब हम 45 किग्रा के बैग के बारे में सोच रहे हैं.

उन्हाेंने कहा कि सामान्य तौर पर किसान प्रत्येक हेक्टेयर भूमि के लिए बैगों की संख्या के हिसाब से यूरिया का इस्तेमाल करते हैं. जब हमने किसानों को 50 किग्रा के बैग की संख्या को कम करने के लिए कहा कि उन्होंने नहीं सुना. उन्होंने कहा कि इसलिए हमने खपत को कम करने के लिए 45 किग्रा के बैग का इस्तेमाल करने का फैसला किया है.

अधिकारी ने कहा कि किसान 45 किग्रा का बैग खरीदेंगे और जितने बैग का वह पहले इस्तेमाल करते थे उतने का ही इस्तेमाल करेंगे. यह अप्रत्यक्ष रूप से खपत में 10 प्रतिशत की कमी करेगा.

गौरतलब है कि यूरिया की वार्षिक सब्सिडी करीब 40,000 करोड रपये है. भारत में पिछले वर्ष से करीब 2.4 करोड टन यूरिया का उत्पादन हो रहा है जो 2.2 करोड टन की मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त है.

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