थमने का नाम नहीं ले रहीं पी चिदंबरम के बेटे कार्ति की मुश्किलें, र्इडी ने कुर्क किया संपत्ति आैर बैंक खाते

नयी दिल्लीः पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है. प्रवर्तन निदेशालय ने एयरसेल मैक्सिस मामले में कार्रवाई करते हुए कार्ति चिदंबरम की संपत्ति कुर्क की है. सोमवार को निदेशालय ने कार्ति के बैंक अकाउंट्स और 90 लाख की फिक्स्ड डिपोजिट को भी कुर्क किया […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 25, 2017 2:23 PM

नयी दिल्लीः पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है. प्रवर्तन निदेशालय ने एयरसेल मैक्सिस मामले में कार्रवाई करते हुए कार्ति चिदंबरम की संपत्ति कुर्क की है. सोमवार को निदेशालय ने कार्ति के बैंक अकाउंट्स और 90 लाख की फिक्स्ड डिपोजिट को भी कुर्क किया है.

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बताया जा रहा है कि कार्ति अपनी अधिकतर संपत्तियों को बेचने की कोशिश कर रहे थे. साथ ही, बैंक खातों को भी बंद करने की कोशिश कर रहे थे. प्रवर्तन निदेशालय का कहना है कि कार्ति और पी चिदंबरम को एयरसेल मैक्सिस डील में सॉफ्टवेयर कंसलटंसी के नाम पर 2 लाख डॉलर की रकम दी गयी थी. केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को विदेश जाने से रोका गया, क्योंकि वह विदेशी बैंकों के अपने कई खातों को कथित रूप से बंद कर रहे थे.

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चंद्रचूड की तीन सदस्यीय खंडपीठ के समक्ष जांच एजेंसी ने कार्ति के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी करने को न्यायोचित ठहराते हुए कहा कि उनकी विदेश यात्राओं के दौरान का सामने आया विवरण ‘हतप्रभ’ करने वाला है और इसका भ्रष्टाचार के मामले में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी से सीधा संबंध है. कार्ति पर आरोप है कि उन्होंने आईएनएक्स मीडिया से उसके खिलाफ मॉरीशस से निवेश हासिल करने के लिए विदेशी निवेश प्रमोशन बोर्ड की शर्तों का उल्लंघन करने को लेकर चल रही कर जांच में हेर-फेर करने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने के लिए धन हासिल किया.

सीबीआई के 10 लाख रुपये के वाउचर भी मिले थे, जो सेवाओं के बदले कथित रूप से दिये गये थे. सीबीआई ने आरोप लगाया था कि ये वाउचर एडवांटेज स्ट्रैटजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड को दिये गये थे. इस कंपनी पर परोक्ष रूप से कार्ति का स्वामित्व है. एयरसेल मैक्सिस सौदे में तत्कालीन वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कैबिनेट कमेटी की अनुमति के बिना ही मंजूरी दी, जबकि ये डील 3500 करोड़ की थी.

नियमों के मुताबिक, वित्तमंत्री 600 करोड़ रुपये तक की सौदे को ही मंजूरी दे सकते थे. एफआईपीबी ने फाइल को वित्तमंत्री के पास भेजा और उन्होंने इसे मंजूर कर दिया. हालांकि, कोर्ट ने कहा था कि इससे पहले कि कोई नोटिस जारी किया जाये, याचिकाकर्ता को पहले कोर्ट को प्रथम दृष्टया सबूत मैटेरियल के तौर पर पेश करने होंगे.

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